Breaking News

मोरीगांव में बाढ़ से 55,459 लोग प्रभावित, 194 गांवों में तबाही; कैबिनेट मंत्री अतुल बोरा ने दी जानकारी

दिसपुर: असम में भारी बारिश के बाद बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं। कई लोगों के घर तबाह हो गए हैं, तो हजारों लोगों ने शिविरों में शरण ली है। उधर असम के कृषि एवं बागवानी मंत्री अतुल बोरा का कहना है कि मोरीगांव जिले में ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर भले ही कम हो रहा है लेकिन बाढ़ की स्थिति अभी भी बरकरार है। मोरीगांव जिले में तीन लोगों की मौत हुई है। अतुल बोरा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मैंने मोरीगांव जिले का दौरा किया और बाढ़ के हालातों की समीक्षा की। हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं। राज्य के 28 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं।’

मोरीगांव जिले में बाढ़ से 55,459 लोग प्रभावित
बुधवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिए कि मोरीगांव और नगांव जिलों का दौरा करें। अतुल बोरा ने कहा ‘अब तक मोरीगांव जिले में कुल 55,459 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। कुल मिलाकर 194 गावों पर इसका असर पड़ा है।’ कृषि एवं बागवानी मंत्री ने आगे बताया कि अकेले मोरीगांव जिले में 12,963 हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन जलमग्न हो गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के लिए 381 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। मोरीगांव जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को हर संभव मदद प्रदान करें। अतुल बोरा ने इस दौरान शिविरों में रह रहे लोगों से भी बातचीत की।

कई लोगों ने शिविरों में ली शरण
मोरीगांव जिले के एक बाढ़ प्रभावित गांव के व्यक्ति का कहना है,’इस वर्ष एक ही दिन में भारी जलभराव हो गया। कई लोगों ने अपनी संपत्ति गंवाई है। हमने शिविरों में शरण ली है। प्रशासन द्वारा पेयजल और भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ की समस्या लंबे समय से बरकरार है। यहां के लोग बुरी तरह से भयभीत हैं।’

केंद्र सरकार को तत्काल आवश्यक कदम उठाने चाहिए- गौरव गोगोई
उधर असम में बाढ़ की स्थिति को लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का कहना है कि यह एक गंभीर मुद्दा है और इस मामले में केंद्र सरकार को तत्काल रूप से आवश्यक कदम उठाने चाहिए। गौरव गोगोई ने कहा,‘मुझे जानकारी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में असम के मुख्यमंत्री से बात की है लेकिन, मुझे इस बात की चिंता है कि क्या मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का वास्तविक स्थिति का पता है भी या नहीं? बीते 10 वर्षों में जल शक्ति विभाग ने तटबंध परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों को लगातार धनराशि देती रही और ठेकेदारों ने ऐसे खराब तटबंध तैयार कर दिए। इसके बाद भी इन ठेकेदारों लगातार इन योजनाओं का काम सौंपा जा रहा है।’

About News Desk (P)

Check Also

मीडिया राष्ट्रविरोधी विचारधाराओं पर अपना रुख स्पष्ट करे, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अपील

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को मीडिया से राष्ट्र-विरोधी आख्यानों और गलत सूचनाओं पर अपना ...