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इमरान की पार्टी को ‘सुप्रीम’ राहत, SC- संसद और प्रांतीय विधानसभाओं में आरक्षित सीटों के लिए काबिल

पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के लिए एक बड़ी कानूनी जीत मिली है। दरअसल पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी संसद और प्रांतीय विधानसभाओं में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों के आवंटन के लिए काबिल है। बता दें कि सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल ने पेशावर उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की थी, जिसमें पाकिस्तान के चुनाव आयोग की तरफ से संसद और प्रांतीय विधानसभाओं में आरक्षित सीटों में उसका हिस्सा देने से इनकार करने के कदम को बरकरार रखा था।

सत्तारूढ़ गठबंधन को लगा बड़ा झटका
मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय पूर्ण पीठ ने मामले की सुनवाई की और इस फैसले को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की तरफ से समर्थित उम्मीदवार, जिन्होंने अपनी पार्टी से चुनाव चिन्ह छीन लिए जाने के बाद आठ फरवरी के चुनावों में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और जीता था, जो सुविधानुसार गठबंधन बनाने के लिए सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल में शामिल हो गए थे।

पेशावर हाईकोर्ट और ईसीपी का फैसला रद्द
सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पेशावर उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया और चुनाव आयोग के फैसले को भी अमान्य घोषित कर दिया और इसे पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, चुनाव चिन्ह वापस लेने से किसी राजनीतिक दल को चुनाव से अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है। बता दें कि चुनाव आयोग ने पीटीआई को क्रिकेट के बल्ले को चुनाव चिन्ह के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी थी।

पीटीआई एक राजनीतिक दल था और है- SC
न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह की तरफ से घोषित यह फैसला आठ न्यायाधीशों के बहुमत के आधार पर लिया गया। जिस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, पीटीआई एक राजनीतिक दल था और है। बता दें कि क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने साल 1996 में पीटीआई की स्थापना की थी।

PTI ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मांगा इस्तीफा
वहीं सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पीटीआई ने कहा कि पार्टी को उम्मीद थी कि अंत में न्याय होगा, क्योंकि पाकिस्तान के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो किसी पार्टी को उसके आनुपातिक कोटे से वंचित कर सके और न ही कोटा अन्य पार्टियों को आवंटित किया जा सके। जबकि पीटीआई के आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक पोस्ट में मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा के तत्काल इस्तीफे की भी मांग की गई, क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के संविधान का उल्लंघन किया है।

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