भारत में रहने वाले लोगों के लिए विदेश यात्रा पर जाने से पहले सभी तरह के कर चुकाने होंगे और टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करना अनिवार्य करना होगा। इस तरह की कुछ भ्रामक खबरों पर सरकार ने स्थिति साफ की है। सरकार ने इस तरह की रिपोर्ट्स को भ्रामक बताते हुए कहा है कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 230 के तहत, प्रत्येक व्यक्ति को कर टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट हासिल करना आवश्यक नहीं है।
दरअसल, 23 जुलाई को जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया था। तभी उन्होंने बजट 2024-25 में टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए काला धन अधिनियम, 2015 का संदर्भ शामिल करने का प्रस्ताव किया था। जिसके बाद, इसे लेकर तमाम तरह की रिपोर्ट्स सामने आई और लोगों ने इसे लेकर नाराजगी भी जताई थी। इसके बाद आज सरकार ने टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट पर अपना रुख साफ कर दिया है।
क्या कहा सरकार ने?
टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट को लेकर सरकार ने रविवार को कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 230 के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को कर टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक नहीं है। यह केवल उन लोगों के लिए है जिन्हें लेकर ऐसी परिस्थितियां हों जो टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट को जरूरी बनाती हों, उनके लिए यह अनिवार्य है।
सरकार ने कहा कि कोई ऐसा व्यक्ति जो गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में शामिल है और आयकर अधिनियम या संपत्ति कर अधिनियम के तहत मामलों की जांच में उसकी उपस्थिति जरूरी है। साथ ही यह संभावना भी हो कि संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कर चुकाना बाकी होगा। इसके अलावा, कोई ऐसा व्यक्ति जिस पर 10 लाख रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष कर बकाया हो, और जिस पर किसी प्राधिकरण द्वारा रोक नहीं लगाई गई हो, ऐसे लोगों को टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करना अनिवार्य होगा।