रोजगार और नौकरी देश के सामने इस समय का सबसे ज्वलंत मुद्दा है। इसी बीच एक रिपोर्ट में अच्छे संकेत मिलने का दावा किया गया है। देश के बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में नियक्ति गतिविधियों में चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में सालाना आधार पर 9.01 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। टीमलीज सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा, घरेलू ऊर्जा क्षेत्र 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप एक महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है। यह बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में 9.01 फीसदी के प्रभावशाली शुद्ध रोजगार परिवर्तन में स्पष्ट झलक रहा है।
62 फीसदी प्रतिभागियों ने श्रमबल का विस्तार किया; दिल्ली-बंगलूरू अधिक नौकरियां
साथ ही, यह महत्वपूर्ण सरकारी पहलों के जरिये संचालित कम कार्बन वाले भविष्य की ओर बढ़ने का संकेत देता है। रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग के 62 फीसदी प्रतिभागियों ने अपने श्रमबल का विस्तार किया है। दिल्ली, बंगलूरू और मुंबई जैसे शहरों ने इस बदलाव को आगे बढ़ाया है।
नौकरी देने में दिल्ली बंगलूरू सबसे आगे
रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में नौकरी देने में दिल्ली 56 फीसदी के साथ सबसे आगे है। इसके बाद बंगलूरू (53 फीसदी) और मुंबई (52 फीसदी) का नंबर आता है। नौकरी के लिए नए स्थान की तलाश के लिहाज से जयपुर 14 फीसदी के साथ सबसे आगे है। बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में इंजीनियरों की मांग सबसे ज्यादा है।