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एलयू और केजीएमयू के संयुक्त तत्वाधान में योग शिविर का आयोजन

लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) के फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन एवं केजीएमयू (KGMU) के संयुक्त तत्वाधान एवं डॉक्टर अमरजीत यादव (Doctor Amarjeet Yadav) के निर्देशन में प्रातः 6:00 बजे से केजीएमयू के सरदार पटेल ग्राउंड में योग शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में केजीएमयू के नव प्रवेशित एमबीबीएस एवं बीडीएस बैच 2024 के छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर आयोजन को विशिष्ट बना दिया। संपूर्ण आयोजन प्रोफेसर आरएएस कुशवाहा, अधिष्ठाता, छात्र कल्याण, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा किया गया था।

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एलयू और केजीएमयू के संयुक्त तत्वाधान में योग शिविर का आयोजन

सत्र का अभ्यास प्रार्थना से किया गया छात्र-छात्राओं के शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु विभिन्न प्रकार के आसनों का अभ्यास कराया गया। मन एवं रक्त शुद्धि के लिए प्राणायाम का अभ्यास भी कराया गया। लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के शिक्षक एवं को-ऑर्डिनेटर डॉ अमरजीत यादव ने बताया कि छात्र-छात्राओं के शारीरिक संतुलन के लिए वृक्षासन और चक्रासन का अभ्यास कराया गया। मस्तिष्क की शक्तियों को विकसित करने के लिए पद्मासन का अभ्यास हुआ।

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लीवर, किडनी, पाचन संस्थान को स्वस्थ रखने हेतु जानुसिरासन का अभ्यास हुआ। कमर, रीढ़, पेट की मांसपेशियों को सशक्त बनाने के लिए अर्ध मत्स्येंद्र आसन की विधि बताई गई। शरीर की ग्रंथियों के रोग तथा मूत्र संबंधी रोगों के बचाव में पश्चिमोत्तानासन उपयोगी है। इस आसन का भी अभ्यास कराया गया। रीड की हड्डी शरीर की बहुत ही उपयोगी हड्डी है। इसके स्वस्थ रहने एवं लचीला बनाने हेतु धनुरासन एवं नौकासन का भी अभ्यास हुआ।

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डॉक्टर यादव ने बताया कि ध्यानात्मक आसनों से मस्तिष्क की अल्फा तरंगे निकलती हैं जिससे मन और विचार शांत रहता है, शिथिली करण के आसनों के दौरान मस्तिष्क की थीटा तरंगे निकलती हैं जिससे शरीर में संतुलन आता है। ध्यान के अभ्यास से मस्तिष्क की डेल्टा तरंगे निकलती हैं जो जीवन और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हैं। डेल्टा तरंगों के कारण व्यक्ति का चरित्र प्रेम एवं शांति वाला बन जाता है। आसन का अभ्यास करने से 0.8 से 3 कैलोरी प्रति मिनट खर्च होती है जबकि व्यायाम से 3 से 14 कैलोरी शक्ति प्रति मिनट खर्च होती है। इस प्रकार कम कैलोरी खर्च करके व्यायाम की अपेक्षा आसनों से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

प्रोफेसर आरएएस कुशवाहा, अधिष्ठाता, छात्र कल्याण केजीएमयू ने कहा कि इस तरह के सत्र लगातार आयोजित किए जाएंगे। छात्र एवं छात्राओं को अपने जीवन चर्या में योग को अपनाना चाहिए। प्रतिदिन योग अभ्यास से छात्रों के शारीरिक विकास के साथ ही साथ मानसिक विकास भी होगा आसन और प्राणायाम के अभ्यास से शारीरिक एवं मानसिक थकावट दूर होती है। योगाभ्यास से तनाव, चिंता, डिप्रेशन में भी लाभ प्राप्त होता है। योग प्रशिक्षक विवेक सिंह चौहान, मोनिका सिंह, प्रीती मनुज, सविता रंजन द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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