• 75 जिलों में अध्यापकों को ट्रेन करेंगे यह मास्टर ट्रेनर, जिससे लगभग 9 लाख बच्चे होंगे लाभान्वित।
• प्रदेश के बच्चों को करियर संबंधी जानकारी देने के लिए मास्टर ट्रेनर का हुआ लखनऊ में प्रशिक्षण।
लखनऊ। प्रदेश के विद्यालयों में ‘उत्तर प्रदेश पंख’ करियर मार्गदर्शन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु डिस्ट्रिक्ट नोडल/मास्टर ट्रेनर (MT) का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों में आवश्यक ज्ञान और कौशल का विकास करना है, जिससे वे विद्यार्थियों को उनकी रुचि और क्षमता के आधार पर सही करियर चुनने के लिए मार्गदर्शन कर सकें, साथ ही अभिभावकों को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल कर सकें।
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यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लखनऊ में यूनिसेफ उत्तर प्रदेश और समग्र शिक्षा (माध्यमिक) उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें 75 जिलों से चयनित 156 मास्टर ट्रेनर्स (हर जिले से दो मास्टर ट्रेनर्स) को प्रशिक्षित किया गया है।
प्रक्षिणार्थियों को संबोधित करते हुए विष्णुकांत पांडेय अडिशनल स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर समग्र शिक्षा (माध्यमिक) ने कहा कि यह प्रशिक्षण विद्यार्थियों को भविष्य में सही करियर चुनने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि शिक्षकों को अपने विषय के साथ-साथ शिक्षण पेशे में हो रहे नवाचारों से लगातार खुद को अपडेट करते रहना चाहिए, तभी हम विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान कर सकेंगे।
नई शिक्षा नीति में कई नए प्रावधान शामिल किए गए हैं, जिन्हें समझना और अपनाना आवश्यक है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे हम अपने मोबाइल को समय-समय पर अपडेट करते हैं, वैसे ही शिक्षकों को भी नवीनतम जानकारियों और नीतियों से अपडेट रहना चाहिए, ताकि वे विद्यार्थियों के लिए एक प्रभावी मार्गदर्शक बन सकें।
यूनिसेफ़ उत्तरप्रदेश के चीफ (कार्यकारी) डॉ अमित मेहरोत्रा ने कहा कि करिअर गाइडन्स के क्षेत्र में नित नए आयाम जुडते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसी एक व्यक्ति या संस्था के लिए सभी क्षेत्रों की आवश्यक जानकारी रखना संभव नहीं होता है। प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्होंने कहा कि हम सभी शिक्षक मिलकर एक ऐसा मंच तैयार करें जिसमें हम समय-समय पर हम नए आयामों व अवसरों को जोड़ते जाएँ और बच्चों को बताएं।
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कार्यशाला को संबोधित करते हुए सहायक निदेशक प्रतिमा सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग का मुख्य कार्य पढ़ाई-लिखाई से संबंधित है, परंतु दुर्भाग्यवश हम खुद पढ़ाई लिखाई से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमें अपने रुचि के विषयों पर रोज कुछ न कुछ पढ़ना चाहिए और छात्रों के हित में कार्य करना चाहिए।
यूनिसेफ के शिक्षा अधिकारी रवि राज दयाल कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सभी मास्टर ट्रेनर्स यह सुनिश्चित करेंगे कि जिलों में यह प्रशिक्षण उच्च गुणवत्ता का हो और विद्यालयों के नोडल शिक्षक बच्चों के साथ मिलकर कार्यक्रम के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करें।
कार्यशाला में करियर मार्गदर्शन पर विशेषज्ञ सागर आनंद ने करियर काउंसलिंग की प्रक्रिया और उसकी महत्वपूर्ण बातों पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, विक्रमशिला संस्था की ओर से सोमा चौधरी, रश्मि झा और अन्य प्रशिक्षकों ने करियर हब, करियर क्लब, साईकोमेट्रिक टेस्ट और शिक्षक-अभिभावक बैठक जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की।
प्रशिक्षण के दौरान SWOT विश्लेषण के जरिए शिक्षकों को करियर गाइडेंस कार्यक्रम की ताकत (Strengths), कमजोरियां (Weaknesses), अवसर (Opportunities) और चुनौतियां (Threats) को समझने का तरीका व इसके साथ ही, व्यक्तिगत प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के बारे में जानकारी दी गई, ताकि वे अधिक प्रभावी तरीके से अपने कार्य में दक्ष बन सकें और विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन दे सकें।
कार्यक्रम के तहत विद्यालय स्तर पर करियर हब की स्थापना, करियर क्लब का गठन, शिक्षक-अभिभावक बैठकों का आयोजन, करियर मेलों का आयोजन, विशेषज्ञों के साथ संवाद सत्र, औद्योगिक, व्यवसायिक और शैक्षणिक संस्थानों का भ्रमण, पंख पोर्टल के माध्यम से करियर विकल्प, छात्रवृत्तियां, परीक्षाओं और कॉलेजों की जानकारी, और वेबिनार के जरिए करियर विकल्पों तथा परीक्षाओं आदि की जानकारी दी गई।
राज्य स्तर पर सम्पन्न इस प्रशिक्षण के पश्चात मास्टर ट्रेनर्स अपने-अपने जनपदों के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के नोडल शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। साथ ही, वे जिलों के अधिकारियों और नोडल शिक्षकों के साथ समन्वय बनाए रखते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि जिले के सभी विद्यालयों में करियर मार्गदर्शन कार्यक्रम की गतिविधियां प्रभावी रूप से संचालित हो रही हैं।
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नोडल शिक्षक इस कार्यक्रम के प्रमुख स्तंभ हैं और अपने विद्यालयों में वे विद्यार्थियों को नियमित रूप से करियर परामर्श प्रदान करना, करियर योजना बनाने में उनकी मदद करना, स्कूलों में साप्ताहिक/पाक्षिक करियर क्लब गतिविधियों का आयोजन करना, विद्यालय में करियर हब की स्थापना करना आदि सुनिश्चित करेंगे। कार्यशाला में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर सभी 75 जिलों में अध्यापकों का प्रशिक्षण करेंगे जिससे 9 लाख विद्यार्थी लाभान्वित होंगे । बच्चों को दी जा रही करियर जानकारी में लगभग 500 विकल्पों की जानकारी शामिल है।
कार्यशाला की सफलता पूर्वक क्रियान्वयन में डॉ राजेश मिश्रा, उमा मिश्रा, बबीता मेहरोत्रा, सत्यवीर सिंह, सोनी सिंह, हरि त्रिपाठी, योगेन्द्र शुक्ला, शिवेंद्र सिंह और अमित पाण्डेय का विशेष योगदान रहा। कार्यशाला में सभी प्रशिक्षकों ने करियर मार्गदर्शन को अपने-अपने जनपदों एवं विद्यालयों में सफलतापूर्वक लागू करने और छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने की प्रतिबद्धता जताई।