अयोध्या। चौदह कोसी परिक्रमा पथ लाखों रामभक्तों द्वारा किये जाने वाले जयकारों से गुजायमान हो गया। आस्था के पथ पर चलते हुए रामभक्तों के भीतर उत्साह देखने लायक था। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद होने वाली इस परिक्रमा में भक्ति के विभिन्न रंग दिखाई दिए।
परिक्रमा पथ पर चलने वाले श्रद्धालुओं का जगह- जगह स्वागत हुआ। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं पर परिक्रमार्थियों के सेवार्थ कैम्प लगाए हुए थे। मिली जानकारी के अनुसार तकरीबन 30 से 35 लाख श्रद्धालुओं के द्वारा परिक्रमा किये जाने की संभावना जताई जा रही है।जबकि पिछले वर्ष 20 से 25 लाख श्रृद्धालु शामिल हुए थे।
पूरे परिक्रमा पथ पर श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न संगठनों की तरफ से जलपान की व्यवस्था कराई गई थी। इसके अलावा नगर निगम की ओर विश्राम गृह व मोबाइल टॉयलेट के भी इंतजाम कराए गए थे। विभिन्न घाटों पर 150 से भी अधिक चेंजिंग रूम बनाये गए थे।
Please watch this video also
चौदह कोसी परिक्रमा के महत्व को देखते हुए बड़ी संख्या में बाहरी श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे थे। मण्डल के जिलों के अलावा अम्बेडकरनगर जौनपुर आजमगढ़, बहराइच, सीतापुर, कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, बरेली, गोंडा, प्रतापगढ़ सुल्तानपुर अमेठी प्रयागराज समेत अन्य जिलों के अलावा नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंचे थे।
कुछ श्रद्धालु अभी 11नवंबर को पंचकोसी परिक्रमा करने के बाद ही लौटेंगे। परिक्रमा पथ पर देर रात 11 बजे से सुबह सात बजे तक जबरदस्त भीड़ रही। इस दौरान एक पटरी से दूसरी पटरी पर जाने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही थी। मेला क्षेत्र में जलपान की दुकानें रातभर गुलजार रहीं।
किसी तरह से परेशानी न हो इसलिए चौदह कोसी पथ पर निकलने वाली सभी गलियों पर बैरिकेडिंग की गई थी। कई श्रद्धालुओं ने परिक्रमा करने से पहले रविवार की सुबह सरयू स्नान किया। उसके बाद हनुमानगढ़ी और रामलला का दर्शन करने के बाद परिक्रमा उठाई।
जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह के अनुसार मुहूर्त के अनुसार परिक्रमा का समापन हो गया है। इस साल सभी रिकॉर्ड टूट गये और सर्वाधिक लोग पहुंचे थे। सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किये गये थे। चौदह कोसी परिक्रमा चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था से सम्पन्न हुई।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह