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महाकुंभ में मुसलमानों का प्रवेश हो वर्जित, संतों का धर्म हो सकता है भ्रष्ट

प्रयागराज:  अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा है कि महाकुंभ में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित होना चाहिए। ऐसा न करने पर साधु और संतों का धर्म भ्रष्ट हो सकता है। थूक जिहाद के माध्यम से मुसलमान साधु-संन्यासियों का धर्म भ्रष्ट करने का प्रयास कर सकते हैं और खाने-पीने की चीजों में मिलावट कर सकते हैं। अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद रवींद्र पुरी सोमवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि क्या कोई गैर मुसलमान या हिंदू मक्का जा सकता है या वहां पर दुकान लगा सकता है। यदि नहीं तो यहां भी मुसलमानों को प्रवेश नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा समागम और महापर्व है। यहां पर माहौल बिगाड़ने के लिए गैर सनातन धर्म से ताल्लुक रखने वाले खास तौर पर मुस्लिम खाने पीने के सामानों में पेशाब या थूक मिला सकते हैं, जैसा कि कई प्रदेशों में हो चुका है।

इससे सनातन धर्मावलंबियों का धर्म भ्रष्ट हो सकता है। इसका पता चलने पर साधु-संत ऐसे लोगों को मार सकते हैं, जिसका पूरे देश-विदेश में गलत संदेश जाएगा। इस तरह की स्थिति पैदा ही न हो इससे बेहतर है कि मुसमानों को महाकुंभ में भोजन, नाश्ता, जूस या अन्य खाने पीने के सामानों का दुकान लगाने की अनुमति न दी जाए।

पूरे देश से आ रहे तपस्वी

महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ में पूरे देश से संत, महात्मा और तपस्वी आ रहे हैं। प्रसाद, चाय, काफी, मिठाई या अन्य खाद्य पदार्थ में कोई ऐसा चीज मिलाई जा सकती है जिससे कि उनका धर्म भ्रष्ट हो जाए। इसका पता चलने पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कई प्रदेशों में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं और सोशल मीडिया पर इस तरह का वीडियो भी वायरल हो चुके हैं। इससे सबक लेते हुए सतर्क रहने और बैन लगाने की जरूत है। कहा कि मुसलमान ठेकेदारी करें, दूसरे सामानों का दुकान लगाएं लेकिन खाने पीने के सामानों को बेचने की अनुमति उन्हें न दी जाए।

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