लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के अभियांत्रिकी और तकनीकी संकाय (Faculty of Engineering and Technology) में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल (Training and Placement Cell) और कोडिंग कॉन्नॉइसेयर्स (Coding Connoisseurs) द्वारा ‘मास्टरिंग गिट एंड गिटहब’ पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की मुख्य वक्ता, गिटहब कैंपस एक्सपर्ट नित्या पांडेय (Nitya Pandey) रही| सेमिनार के उद्घाटन सत्र में प्लेसमेंट इंचार्ज, डॉ हिमांशु पांडेय ने बताया कि गिटहब कैंपस एक्सपर्ट्स, टेक्निकल कल्चर को बढ़ावा देने वाले कम्युनिटी लीडर्स होते है और नित्या 1300 से अधिक आवेदनों में से चयनित, भारत की चार एक्सपर्ट्स में से एक गिटहब एक्सपर्ट् हैं।
मुख्य वक्ता नित्या पांडेय ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि गिट आईटी इंडस्ट्री का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे बड़ी कंपनियां प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और वर्जन कंट्रोल के लिए इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने गिट के कमांड लाइन यूसेज और इसकी वर्जन कंट्रोल क्षमताओं को समझाया। साथ ही, गिटहब पर भी चर्चा की, जहां डेवलपर्स अपने कोड को स्टोर कर सकते हैं, ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स में योगदान दे सकते हैं और टीम वर्क को बेहतर बना सकते हैं।
नित्या पांडेय ने गिट और गिटहब को उदाहरण के माध्यम से समझाते हुए बताया कि गिट एक स्केचबुक है, जहां कलाकार अपनी पेंटिंग के विभिन्न ड्राफ्ट बनाकर सुधारता है, और गिटहब को एक आर्ट म्यूजियम की तरह समझाया, जहां सभी बेहतरीन वर्जन संग्रहीत होते हैं, ताकि दूसरे लोग उन्हें देख सकें या उसमें योगदान कर सकें।
सेमीनार में गिटहब स्टूडेंट डेवलपर पैक पर चर्चा की गई, जिसमें एज़र क्लाउड क्रेडिट्स, स्क्रिम्बा और अन्य फ्री टूल्स शामिल हैं जो स्टूडेंट्स की स्किल्स बेहतर बनाते हैं। साथ ही छात्रों को ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स में योगदान, प्रोजेक्ट पब्लिशिंग और डेवलपर कोलैबोरेशन के तरीकों के अलावा सीआई/सीडी पाइपलाइन्स, गिटहब एक्शन्स और एसएसएच प्रोटोकॉल्स जैसी उन्नत तकनीकों के बारे में भी बताया गया।लखनऊ।