सुल्तानपुर। श्रीमद् भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha) सुनने से हमारे सोये भाग्य का उदय (Awakens Our Sleeping Fortune) होता है। सद्कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। योगेश्वर भगवान कृष्ण (Yogeshwar Lord Krishna) ने लीलाओं के माध्यम से आदर्श को स्थापित किया, जो आज के दिन भी अति प्रासंगिक है।
यह बातें करौदीकला के असलहुद्दीनपुर गांव में कृपा शंकर उपाध्याय के यहां हो रही श्रीमद् भागवत कथा की तृतीय दिवस पर वृंदावन धाम से पधारी अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक ज्योति किशोरी ने कहीं। उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा में धुन्धकारी,राजा परीक्षित सहित अनेक दृष्टांत का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन के लिए भागवत कथा आवश्यक है।
कथावाचक ज्योति किशोरी ने कहा कि भागवत कथा सुनने से पाप दूर होते हैं। मनुष्य के जीवन में भक्ति और ज्ञान का निरूपण होना आवश्यक है। जब हम कथा श्रवण करते हैं तो यही कथा हमें पाप से बचाती है। पाप से मुक्ति दिलाती है। किशोरी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा जीवन का संशय ख़त्म करती है।
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भागवत कथा संयोजक कृपा शंकर उपाध्याय एवं शिवम उपाध्याय ने आए हुए सभी श्रोतागण का आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन ध्यानचंद्र श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर असलहुद्दीनपुर प्रधान मनोज तिवारी , रवीन्द्र उपाध्याय,श्याम नारायण उपाध्याय, रामपाल सिंह, अनिल मिश्र सुलेमपुर, महेंद्र मिश्रा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।