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‘नवाचार और तकनीकी को अपनाएं…’, SBI की 75वीं वर्षगांठ पर वित्त मंत्री सीतारमण की सलाह

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बदले वैश्विक परिदृश्य के बीच बैंकिंग क्षेत्र को नवाचार और नेतृत्व करना जारी रखना चाहिए। उन्होंने भरोसा जताया कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने मार्गदर्शन के लिए प्रौद्योगिकी, स्थिरता और समावेशिता को सिद्धांतों के रूप में अपनाएगा। सीतारमण एसबीआई के स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह के शुभारंभ के मौके पर बोल रही थीं।

‘बदलते समय के साथ एसबीआई ने बनाए रखी अग्रणी भूमिका’
वित्त मंत्री ने कहा, एसबीआई ने बदलते हालात के साथ तालमेल बिठाते हुए अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखी है, चाहे नियम कितने भी सख्त हो गए हों। उन्होंने कहा, दुनिय तेजी से बदल रही है और बैंकिंग क्षेत्र को नवाचार व नेतृत्व करना जारी रखना चाहिए। मुझे भरोसा है कि एसबीआई तकनीकी स्थिरता और समावेशिया को अपने मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में अपनाकर इस पर खरा उतरेगा।

‘दुनिया की 5.6 फीसदी आबादी को सेवा देता है एसबीआई’
सीतारमण ने कहा कि एसबीआई अपने ग्राहकों की बदलती जरूरतों के अनुसार अपनी सेवाओं को ढाल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के सबसे बड़े बैंक के रूप में एसबीआई दुनिया की 5.6 फीसदी आबादी को सेवा देता है। एसबीआई अब पहले से भी ज्यादा तेज और प्रतिस्पर्धी हो गया है।

‘जोखिम प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए बैंक ने किए सुधार’
उन्होंने आगे कहा, एसबीआई भारतीय उप महाद्वीप का सबसे बड़ा बैंक है। यह अब स्थायी विकास के माध्यम से अधिक मूल्य प्रदान करने के लिए तैयार है। एसबीआई का लक्ष्य अपने कामकाज को बेहतर बनाकर ऋण देने की प्रक्रिया, संपत्ति की गुणवत्ता, मुनाफा और पूंजी बढ़ाकर धन सृजन को बढ़ावा देना है। इन प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए एसबीआई ने अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। बैंक ने मजबूत निगरानी और नियंत्रण ढाचा बनाया है और प्रतिबद्ध पेशेवरों की एक टीम तैयार की है। इसके अलावा, बैंक ने जोखिम प्रबंधन को बेहतर बनाने और तेजी से विकास के लिए अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार किया है।

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