नई दिल्ली, (शाश्वत तिवारी)। भारत और आर्मेनिया ने आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए दो महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। पहला समझौता भारत के सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) और आर्मेनिया के सेंटर ऑफ ड्रग एंड मेडिकल टेक्नोलॉजी एक्सपर्टाइज (सीडीएमटीई) के बीच हुआ है। इससे दोनों देश दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सहयोग करेंगे।
दूसरा समझौता भारत के सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस और आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय के डिप्लोमेटिक स्कूल के बीच हुआ। इस समझौते से दोनों देशों के राजनयिकों को प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने का अवसर मिलेगा। आर्मेनिया के विदेश मंत्री अरारात मिर्जोयान की तीन दिवसीय भारत यात्रा के दौरान ये समझौते हुए हैं।
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (Dr S Jaishankar) ने सोमवार को आर्मेनिया के अपने समकक्ष मिर्जोयान के साथ बैठक की, जिस दौरान दोनों मंत्रियों ने रचनात्मक चर्चा की, जिसमें उन्होंने राजनीतिक आदान-प्रदान, व्यापार, आर्थिक, संपर्क, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्रों सहित भारत-आर्मेनिया द्विपक्षीय सहयोग के बढ़ते दायरे की समीक्षा की।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा इस दौरान दोनों नेता डिजिटल प्रौद्योगिकियों और फार्मास्यूटिकल्स में सहयोग की संभावना तलाशने पर सहमत हुए। चर्चाओं में संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर बहुपक्षीय सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। मंत्रियों ने साझा हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
आर्मेनियाई विदेश मंत्री ने भारतीय विश्व मामलों की परिषद में ‘बदलती दुनिया में आर्मेनिया-भारत: संबंधों को मजबूत करना, बदलती दुनिया में भविष्य के संबंधों को सुरक्षित करना’ विषय पर एक व्याख्यान भी दिया और विद्वानों और शोधकर्ताओं के साथ बातचीत की।
भारत और आर्मेनिया के बीच मधुर और सौहार्दपूर्ण ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच विभिन्न स्तरों पर नियमित बातचीत और यात्राओं के आदान-प्रदान ने मजबूत और बहुआयामी पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी में योगदान दिया है।