International Desk (Shashwat Tiwari)। भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को बताया कि भारत का व्यापक दृष्टिकोण अफगानिस्तान (Afghanistan) के लोगों को मानवीय सहायता (Humanitarian Assistance) प्रदान करना और संयुक्त राष्ट्र (UN) के ढांचे के तहत एक अंतरराष्ट्रीय सहमति (International Consensus) बनाना है। भारत ने यह भी कहा कि हमारी विकास साझेदारी में अफगानिस्तान के सभी प्रांतों में फैली 500 से अधिक परियोजनाएं (More Than 500 Projects) शामिल हैं।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी हरीश ने सोमवार को अफगानिस्तान पर यूएनएससी की त्रैमासिक बैठक में भारत का वक्तव्य देते हुए यह बात कही। हरीश ने कहा कि इस साल की शुरुआत में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दुबई में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की थी।
पी हरीश ने कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। अफगान पक्ष ने अफगानिस्तान के लोगों के साथ जुड़ने और उनका समर्थन करने के लिए भारतीय नेतृत्व की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। यह निर्णय लिया गया कि भारत, अफगानिस्तान में जारी मानवीय सहायता कार्यक्रमों के अलावा निकट भविष्य में विकास परियोजनाओं में शामिल होने पर विचार करेगा।
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भारतीय राजदूत ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्ता सदियों पुराना रहा है और अपने पड़ोसी देश के रूप में भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच एक विशेष रिश्ता है ,जो ‘देश के साथ हमारे वर्तमान जुड़ाव का आधार’ रहा है। भारतीय राजदूत ने कहा भारत अफगानिस्तान की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और देश में स्थिरता एवं शांति बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है।
हरीश ने कहा भारत ने अफगान लोगों को 27 टन राहत सामग्री, 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं, 40 हजार लीटर कीटनाशक और 300 टन से अधिक चिकित्सा आपूर्ति पहुंचाई है। 2022 से, काबुल में यूएनओडीसी को स्वच्छता किट, शिशु आहार, कपड़े, चिकित्सा सहायता और 30 टन से अधिक सामाजिक सहायता वस्तुओं की 11 हजार यूनिट्स सप्लाई की हैं।