अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट और प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्र सर्वप्रथम की नीति रंग लाएगी। भारतीय रणनीतिकारों को भरोसा है कि अगले महीनों में अच्छी खबर आएगी। वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी भी लक्ष्य को साधने में जुटे हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि कोशिश सही दिशा में चल रही है। पूर्व विदेश सचिव शशांक भी कह रहे हैं भारत सावधानी से आगे बढ़ रहा है। उम्मीद है कि सब अच्छा होगा।
भारत अमेरिका से आने उत्पाद पर ड्यूटी को घटाने, आयात को संतुलित करने पर भी काम कर रहा है। निर्यात, तकनीकी सौदे, रक्षा सौदे, ईधन तेल के कारोबार में संतुलन लाकर भी इसे साधने की योजना बन रही है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका के टैरिफ का जितना टेरर है, उतना खतरे की आशंका नहीं है। भारत अमेरिका के साथ तकनीकी सहयोग और साझेदारी के जरिए अपने लक्ष्य को साध लेगा।
प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, एनएसए समेत अन्य से मिलीं तुलसी गबार्ड
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तुलसी गबार्ड रविवार को ढाई दिन की यात्रा पर भारत आईं। इस दौरान उन्होंने अपने समकक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। कूटनीति के गलियारे में इस वार्ता को सफल और दूरगामी माना जा रहा है। अजीत डोभाल अर्जुन की तरह चिड़िया की एक आंख भेदना जानते हैं। डोभाल के पास एशियाई क्षेत्र को लेकर एक अलग सोच और समझ है। इसमें वो भारतीय हितों के साथ टकराव से बचने का प्रयास करते हैं। तुलसी गबार्ड रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिली हैं।