समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में आए दिन हो रही लूट, हत्या, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। अपराधियों में कानून का खौफ नहीं दिखाई देता है। जेलों तक से उनके काले धंधे चल रहे हैं। महिलाओं और बच्चियों में खास तौर पर बहुत दहशत है क्योंकि असामाजिक तत्वों पर कोई नियंत्रण नहीं है। भाजपा का ऐंटी रोमियों स्क्वाड नाम लेने भर को रह गया है।
एटा के थाना आवागढ़ के नगला राजा निवासी एक महिला को डरा-धमकाकर दो पुलिस कर्मियों ने अपनी हवश का शिकार बनाया। यह सिलसिला 5 माह तक चलता रहा। महिला और उसका पति तथा परिवार के लोग पुलिस के डर से गांव छोड़ गए हैं। स्थिति की गंभीरता का अंदाज इससे लगता है कि खुद कई पुलिसकर्मी रक्षक के बजाय भक्षक की भूमिका में उतर आए हैं। एटा पुलिस के दारोगाओं द्वारा महिला से बलात्कार की घटना घोर निंदनीय है।
राजधानी लखनऊ में सरोजनीनगर में कार सवार दो युवकों ने एक व्यापारी की नकदी लूट ली। सचिवालय के समीक्षा अधिकारी रिश्वतखोरी में पकड़े गए। अलीगढ़ में एक होटल में बलात्कार की घटना घटी। हनुमतनगर (अयोध्या) के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र के गांव में युवती से दुष्कर्म की कोशिश हुई और उसे जान से मारने की धमकी दी गई। लखनऊ के निगोहां थाना क्षेत्र में 6 वर्ष की मासूम से दुष्कर्म की कोशिश की गई। लखनऊ में डीजीपी कार्यालय में तैनात एक सिपाही ने किशोरी से छेड़छाड़ की, जिसकी रिपोर्ट पारा थाने में दर्ज कराई गई है।
भाजपा सरकार में सरकार के लोग ही महिलाओं की इज्जत तार-तार करने में लगे हैं। किशोरियों में तो इतना भय व्याप्त हो गया है कि बहुतों ने अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी है। उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाजवादी सरकार में 1090 सेवा और अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 सेवा शुरू की गई थी। इन सेवाओं को भाजपा राज में निष्क्रिय कर दिया गया। उत्तर प्रदेश की बदनामी कराने में भाजपा सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। अपराधिक घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो रहा है। जान माल और सम्मान की सुरक्षा कौन कहे मूल प्रश्न है कि क्या यूपी में कानून का राज भी है?