पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने इसे पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर को भेज दिया है। सिद्धू ने कुछ दिनों पहले राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू का लंबे समय से मुख्यमंत्री अमरिंदर से मतभेद चल रहा था और हाल ही में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में उनका विभाग बदल दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने पहले पार्टी नेता राहुल गांधी को और फिर अमरिंदर सिंह को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। नवजोत सिंह सिद्धू ने अटकलों पर विराम लगाते हुए 15 जुलाई को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को अपना इस्तीफा भेज दिया था।
अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट साथी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद 14 जुलाई को उस समय और गहरा गया जब सिद्धू ने बिजली और नए और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने अपने इस्तीफे में लिखा, “मैं पंजाब मंत्रिमंडल के मंत्री पद से इस्तीफा देता हूं।” ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट करते हुए सिद्धू ने ट्वीट किया, “मेरा इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी के पास 10 जून 2019 को पहुंच गया था।” मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल द्वारा यह बताने के बाद कि मुख्यमंत्री कार्यालय को सिद्धू का इस्तीफा नहीं मिला है, सिद्धू ने ट्वीट किया, “पंजाब के मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेजूंगा।”
बता दें कि 6 जून को मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में नवजोत सिंह सिद्धू से स्थानीय सरकार, पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों का विभाग लेकर उन्हें बिजली और नए और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्रालय दे दिया था। नवजोत सिंह सिद्धू ने हालांकि अपने नए मंत्रालय प्रभार को संभालने से इंकार कर दिया था। दस जून को नई दिल्ली में उन्हें कांग्रेस नेताओं-राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अहमद पटेल से मुलाकात कर उन्हें बताया था कि लोकसभा में पार्टी की हार के लिए उन पर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया गया। उसके बाद से वह एकांतवास में चले गए थे। उनकी अनुपस्थिति में अमरिंदर सिंह ने 10 जून को बिजली की कमी से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए क्योंकि राज्य में इससे धान की फसल की बुवाई प्रभावित हो रही थी।