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10 प्वाइंट्स में जानें अरुण जेटली के राजनीतिक करियर के बारे में सबकुछ

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन से भारतीय राजनीति में एक शून्यता सी आ गई है। अरुण जेटली के निधन के बाद भाजपा समेत सभी दलों में शोक की लहर है। आइए हम आपको 10 प्वाइंट्स में बताते हैं अरुण जेटली के करियर के बारे में…

  • -1973 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति आंदोलन शुरू किया। जेपी ने छात्रों को आंदोलन से जोडऩे के लिए राष्ट्रीय समिति बनाई। इस समिति के संयोजक का जिम्मा जेटली को मिला।
  • -1975-77 तक देश में आपातकाल के दौरान उनको मीसा एक्ट के तहत 19 महीने तक नजरबंद रहना पड़ा। मीसा एक्ट हटने के बाद जेटली जनसंघ में शामिल हो गए।
  • -1991 में पहली बार जेटली को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया।  1999 में एनडीए सरकार में केंद्रीय कैबिनेट में आए।
  • -सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में जिम्मेदारी मिली।
  • – निर्गुण राज्य (स्वतंत्र प्रभार), विश्व व्यापार संगठन मंत्रालय की जिम्मेदारी भी जेटली को मिली।
  • – वर्ष 2006 में जेटली पहली बार राज्यसभा सांसद बने.।
  • – मई 2014 में जेटली राज्यसभा में सदन के नेता बने। कुछ समय बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बना दिया और तबसे जेटली ने देश के वित्त मंत्री का पद संभाला था।
  • -आपातकाल के बाद से ही वह वकालत की प्रैक्टिस की। साल 1990 में वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील नियुक्त हुए।
  • – वी. पी. सिंह ने 1989 में उन्हें देश का अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल नियुक्त किया था।
  • -आडवाणी, सिंधिया को करवा चुके हैं अदालत से बरी।

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