लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी 01 अक्टूबर 2019 को बढ़ती मंहगाई, किसानों की बदहाली और बेरोजगारी के संकट को लेकर तहसील मुख्यालयों पर धरना देगी। उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से किसानों की बदहाली शुरू हो गई है। कर्जमाफी के नाम पर उसे धोखा दिया गया और फिर लोकसभा चुनाव के समय भी उसे छलने का काम किया गया। उसे न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला और नहीं गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान हुआ। सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली।
भाजपा राज में मंहगाई चरम पर है। डीजल-पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ाए जाते रहे हैं। अब प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए बिजली भी मंहगी कर दी है। ग्रामीण कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को पहले से 15 फीसदी अधिक बिजली बिल का भुगतान करना पड़ेगा। इससे न सिर्फ गरीबों का जीवन और ज्यादा दूर्भर हो जायेगा बल्कि विद्युत दरों में वृद्धि से तो कमर ही टूट जायेगी।
बेरोजगारी तो इन दिनों चरम पर है। नोटबंदी-जीएसटी लागू होने के बाद बड़ी संख्या में उद्योगधंधे बंद हो गए हैं और लाखों कर्मचारियों की छंटनी हुई है। जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में बेरोजगारी की दर पिछले 45 वर्षों में सबसे ऊंची दर्ज हुई है। आने वाले दिनों में यह समस्या और भयावह हो जाएगी। उक्त मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी द्वारा 01 अक्टूबर 2019 को राज्य की सभी तहसीलों पर धरना आयोजित किया जायेगा।