मुंह की नियमित सफाई की अनदेखी आपको दिल रोग यानी दिल की बीमारी का शिकार बना सकती है. जी हां, आपने बिलकुल अच्छा पढ़ा है. मुंह की कैविटी में पनपने वाले बैक्टिरीया आपके खून में प्रवेश कर सकते हैं व दिल के वॉल्व या ऊतकों में संक्रमण की वजह बन सकते हैं, जिसे इन्फेक्टिव एंडोकार्डाइटिस (आईई) बोला जाता है.
दिल की मांसपेशी की भीतरी परत व दिल के वॉल्व में सूजन को एंडोकार्डाइटिस के नाम से जाना जाता है. इस तरह का बैक्टिरीया से होने वाला इन्फेक्शन किसी को भी होने कि सम्भावना है. लेकिन दिल रोग से पीड़ित लोगों को इसका खतरा ज्यादा होता है.
जोखिम बढ़ाने वाले 5 कारक हैं-
1. कृत्रिम या प्रोस्थेटिक हार्ट वॉल्व का होना
2. किसी कृत्रिम मटेरियल से हार्ट वॉल्व की मरम्मत
3. हार्ट वॉल्व में कोई खराबी होना
4. पहले कभी इन्फेक्टिव एंडोकार्डाइटिस का होना
5. दिल में कोई जन्मजात खराबी
दोनों के बीच यह है लिंक
हमारे मुंह की कैविटी में लाखों बैक्टिरीया उपस्थित होते हैं. जो लोग अपने मुंह की सफाई को लेकर जागरूक होते हैं, उनके मुंह में यह संख्या तुलनात्मक तौर पर कम होती है, लेकिन मुंह की सफाई को लेकर बेहद आलसी लोगों में यह बैक्टिरिया खून की नसों के जरिये दिल तक पहुंचने का रास्ता खोज लेते हैं.
एक बार बैक्टिरीया आपके खून में चला जाए, इस स्थिति को बैक्टेरेमिया (बैक्टिरिया की खून में मौजूदगी) कहते हैं. उसे यह स्थान बहुत अच्छी लगती है जहां उसे पनपने के लिए भरपूर पोषण मिलता है. पोषण की यही तलाश फिर उसे दिल तक ले जाती है. हालांकि ओरल केविटी में उपस्थित सारे बैक्टिरीया, एंडोकार्डाइटिस की वजह नहीं होते
समस्या क्या है
एक बार बैक्टिरीया दिल तक पहुंच गया तो यह दिल के चारों वॉल्व्स को बेकार कर सकता है. वॉल्व्स हमारे दिल के द्वारपाल की तरह होते हैं. यह इस बात को सुनिश्चित करते हैं दिल से खून सभी दिशाओं में संचारित होकर शरीर के कोने-कोने तक पहुंच जाए.
ऐसा कम ही होता है, लेकिन बहुत ज्यादा तेजी से ब्रश या फ्लॉस करने के दौरान भी बैक्टिरीया आपके रक्त प्रवाह में प्रवेश कर सकता है. या फिर तब भी जब आप दांत में फंसी किसी वस्तु को टूथपिक या किसी अन्य वस्तु से निकाल रहे हों. दांत निकालने, रूट केनाल ट्रीटमेंट या फ्लैप सर्जरी, जिनमें कुछ खून बहता है, बैक्टेरेमिया की वजह बन सकते हैं.
बचाव
नियमित तौर पर अपने दांतों की ब्रशिंग, फ्लॉसिंग करें व मुंह को साफ रखने का पूरा खयाल रखें ताकि मुंह व दिल से अधिक से अधिक बैक्टिरीया को बाहर रखा जा सके. हर छह माह में डेंटिस्ट से परीक्षण लाभकारी होता है. इससे आपके दांतों की उचित देखभाल होती है, फिर भले ही आप केवल दांत साफ कराने जा रहे हों।
दिल के रोग से पीड़ितों के लिए अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) ने दांतों के किसी भी इलाज से पहले बरती जाने वाली सावधानियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. यह दिशानिर्देश हर उस डेंटल प्रोसिजर के लिए है जिसमें मसूढ़े, दांत के भीतर खुदाई या मुंह के ऊतकों में छेद करना हो, के लिए हैं. इसमें एंटीबायोटिक से परहेज भी शामिल है-अगर आप दिल के रोगी हैं तो कृपया अपने डेंटिस्ट को पहले ही चेता दें.