अरूणाचल प्रदेश के ईस्ट सियांग जिले के रूने गांव के लोगों ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जिसकी चारों तरफ तारीफ हो रही है। यहां के लोगों ने खुद जाकर अपनी बंदूकें प्रशासन को सौंप दी। ऐसा करने के पीछे उनका मकसद जंगली जीवों को बचाना बताया गया है। इस गांव के 48 घरों के लोगों ने अपनी बंदूकें जिला फोरेस्ट कार्यालय पासीघाट में जमा कराई हैं।
इस दौरान पासी घाट डीएफओ ओकोम योसुंग, सेक्रेटरी जनरल अदी बाने केबांग तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। रूने गांव डॉ. डी एरिंग का जन्म स्थान हैं जहां के लोगों अपनी इच्छा से बंदूकें डीएफओ को सौंप कर नई मिसाल पेश की है जो अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेगी।
मिजे ने अपने प्रेरणादायक भाषण में गांव के लोगों से अपील करते हुए कहा कि इलाके में जैव विविधता बनाए रखना हमारा कर्तव्य है जिसके तहत धरती माता को संरक्षित कर सकते हैं। उन्होंने सभी लोगों से जंगली जानवरों का शिकार नहीं करने के लिए भी कहा।