जनरल बिपिन रावत ने स्पष्ट किया है कि सेना पूरी तरह से विकलांगता पेंशन के पक्ष में है व युद्ध में घायल हुए सभी कर्मियों का पूरा ध्यान रखने के लिए भी प्रतिबध है.रावत ने मंगलवार को रिटायरिंग ऑफिसर्स सेमिनार में कहा, ‘भारतीय सेना हमेशा विकलांगता पेंशन के लिए आगे रही है व इसे रोकने के लिए कभी कोई कदम नहीं उठाया. विचार-विमर्श केवल कुछ श्रेणियों के विकलांगता घटक पर आई-टी छूट के लिए है.’
उन्होंने आश्वासन दिया कि सेना युद्ध में जवान को हुए किसी भी प्रकार के नुकसान की देखभाल करेगी. बता दें कि हाल ही में जब मंत्रालय ने विकलांगता पेंशन प्राप्त करने वाले कार्मिकों पर भी कर लगाने का फैसला लिया था, तो उस दौरान भारी नाराजगी जताई गई थी. वहीं, बल अब उन तरीकों की दिशा में भी कार्य कर रहा है जहां कर्मियों को उनकी सेवा अवधि के दौरान शेष रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
हालांकि, विकलांगता पेंशन के मामले पर सेना द्वारा किए गए सुधारों से रक्षा सेवाओं व सेवानिवृत्त अधिकारियों के अधिकारियों के एक वर्ग को कुछ असुविधा हुई है.प्रमुख द्वारा अपनाए गए कठोर तरीकों के कारण, सेना ने दो लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों सहित जीवनशैली संबंधी बीमारियों से पीड़ित कर्मियों को विकलांगता पेंशन का सुख नहीं मिल पा रहा है.