उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक क्षेत्र गौतम बुद्ध नगर में कमिश्नरी सिस्टम लागू हो गया है. सोमवार को योगी कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है. साथ ही लखनऊ और नोएडा के नए कमिश्नरों के नाम की भी घोषणा कर दी गई है. IPS सुजीत पांडेय लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर होंगे. वहीं IPS आलोक सिंह को नोएडा पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
क्या होता है कमिश्नरी सिस्टम ?
योगी सरकार जिस नए पुलिसिंग सिस्टम को लागू करने जा रही है. वह सिस्टम अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. दरअसल आजादी से पहले देश में कमिश्नरी सिस्टम ही लागू था. आजादी के बाद भारतीय पुलिस ने भी इस प्रणाली को अपनाया. अभी यह सिस्टम देश के देश के 15 राज्यों के 71 जिलों में लागू है. भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के भाग 4 के अंतर्गत डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट के पास पुलिस पर नियत्रंण के अधिकार होते हैं. कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद जिला अधिकारी के यह अधिकार पुलिस को मिल जाते हैं.
किसके अधिकार घटे और किसके बढ़े ?
- कमिश्नरी सिस्टम में डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट (DM) के कुछ अधिकार घट जाते हैं.
- जिले में कानून व्यस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर पुलिस कमिश्नर स्वतंत्र रूप से फैसला ले सकते हैं.
- कमिश्नरी सिस्टम में पुलिस कमिश्नर को ज्यूडिशियल पावर भी होती हैं. इसमें कमिश्नर के पास CRPC के तहत कई अधिकार आ जाते हैं.
- कमिश्नरी सिस्टम लागू होते ही SDM और ADM को दी गई एग्जीक्यूटिव मैजिस्टेरियल पावर पुलिस को मिल जाती है.
- इस प्रणाली में एनएसए, गैंगेस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट यह सभी कानून कमिश्नर के अधीन आ जाते हैं.
- इसके अलावा फायर, इंटैलीजेंस, कारागार अधिनियम, अनैतिक व्यापार, पुलिसद्रोह अधिनियम जैसे कानूनों पर भी कमिश्नर फैसला ले सकते हैं.
कैसा होगा लखनऊ और नोएडा का नया पुलिसिंग सिस्टम ?
पुराने पुलिसिंग सिस्टम के तहत लखनऊ और नोएडा में पहले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के हाथ में जिले की कमान हुआ करती थी. कमिश्नरी सिस्टम में अब जिले के सभी शहरी क्षेत्र थाने कमिश्रनर के अधीन होंगे. इसमें एडिशनल डायरेक्टर जनरल रैंक के अधिकारी पुलिस कमिश्नर होंगे. इसके अलावा ज्वॉइंट कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और असिस्टेंट कमिश्नर के पद भी होंगे. जबकि 9 एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे. एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिला सुरक्षा के लिए इस नए सिस्टम में तैनात की जाएगी.