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पश्चिमी बंगाल को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए शुरू किया गया ये अभियान

पश्चिमी बंगाल को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए प्लेज फॉर लाइफ तंबाकू मुक्त युवा अभियान का आगाज किया गया है, जिसमें राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवक अह्म रोल अदा करेंगे। इसके लिए तंबाकू व अन्य उत्पादों की रोकथाम के लिए एनएसएस से 3200 युवा विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करेगे। डॉ.केपी बासु मेमोरियल हाल में मंगलवार को याधवपुर यूनिवर्सिटी, संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) ने नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल हावड़ा, एप्सन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और विंडोज प्रोडक्शन की और से एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों के लिए प्लेज फॉर लाइफ तंबाकू मुक्त युवा अभियान पर एक दिवसीय जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय की लगभग 32 एनएसएस इकाइयों ने भाग लिया। कार्यशाला में एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों और स्वयंसेवकों ने खुद को तंबाकू से दूर रखने और दूसरों को भी इस घातक लत से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जाधवपुर यूनिवर्सिटी के ज्वाइंट रजिस्ट्रार डा.संजय गोपाल सरकार ने कहा, “हम इस क्षेत्र में काम करने के लिए उत्साहित हैं क्योंकि हर साल इससे हो रही बंगालियों की मृत्यु की संख्या सुनकर हम चिंतित हैं। यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। जाधवपुर विश्वविद्यालय की 32 एनएसएस इकाइयां हैं और राज्य में 1093। यदि वे सभी युवकों में तंबाकू उत्पादों के सेवन करने की शुरूआत को रोकने के लिए समुदाय को संगठित करें, तो इससे समाज में एक उल्लेखनीय बदलाव आएगा। हम इस नेक काम के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

ज्वाइंट रजिस्ट्रार ने कहा कि यूनिवर्सिटी के परिसरको तंबाकू मुक्त बनाने के लिए एनएसएस से जुड़े युवाअेां को अंबेसडर के रुप में काम करना हेागा। साथ ही युवाओं को नियमित रुप से यूनिवर्सिटी परिसर व अपने क्षेत्र में जाकर जो लोग इन उत्पादों का सेवन करते है उन्हे इसके दुष्परिणाम के बारे में बताना होगा, ऐसा नियमित करने से वे इसका सेवन बंद कर देंगे।

नारायण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, हावड़ा के कैंसर सर्जन डॉ. सौरव दत्त ने कहा, तंबाकू का उपयोग शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाता है। युवाओं में तंबाकू उत्पादों के सेवन की शुरूआत को रोकना अब तक तंबाकू की महामारी को रोकने का सबसे अच्छा समाधान और उपाय है। उन्होंने कहा ष्रोकथाम इलाज से बेहतर है। एनएसएस जैसे युवा संगठन राज्य में तंबाकू के व्यापक प्रचलन के खिलाफ काम कर इसे कम करने में मदद करेंगे। पश्चिम बंगाल में तंबाकू के कारण हर साल 1,53,000 लोगों की मृत्यु होती है।यहां 2 करोड़ से अधिक वयस्क तंबाकू का सेवन करते हैं और 438 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू का सेवन शुरू करते हैं।

उल्लेखनीय है कि युवा और खेल मंत्रालय, भारत सरकार, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय सेवा योजना ( एनएसएस) के माध्यम से तम्बाकू के उपयोग से होने वाले भारी स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिए बड़ी पहल कर रहा है। क्षेत्रीय निदेशालय और राज्य राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) ने ‘प्लेज फॉर लाइफ – पश्चिम बंगाल में तंबाकू मुक्त युवा अभियान के लिए योजना बनाया है। ‘प्लेज फॉर लाइफ – तंबाकू मुक्त युवा अभियान’ माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद द्वारा प्रेरित और केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा समर्थित है। यह अभियान युवाओं को तंबाकू का उपयोग करने से रोकने और अन्य लोगों को भी ऐसा करने से रोकने के लिए निवारक रणनीतियों पर केंद्रित है। यह अभियान वर्तमान में असम, दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के राज्यों में चलाया जा रहा है।

इस मौके पर तंबाकू नियंत्रण के प्रमुख और एसएचएफ के ट्रस्टी संजय सेठ, ट्रस्टी ने कहा, “ दो करोड़ से अधिक लोग धूम्रपान और चबाने वाले तंबाकू का उपयोग करते हैं। इससे जो उपयोगकर्ताओं और गैर-उपयोगकर्ताओं दोनों पर प्रमुख स्वास्थ्य प्रभाव पड़ता है। रोकथाम पर आधारित ऐसे अभियान सामाजिक सुधार लाने के के प्रति प्रतिबद्ध हैं। एनएसएस ने समाज कल्याण में चमत्कार किया है। अब वे प्लेज फॉर लाइफ-टोबैको फ्री यूथ कैंपेन के जरिए समुदाय में इस बदलाव को लाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।”

ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे (जीएटीएस 2017) के अनुसार 9.6ः से अधिक लोग 15 वर्ष की उम्र से पहले, 16.8ः लोग 15 से 17 वर्ष के बीच और 19.8ः लोग 18 से 19 वर्ष के बीच और 53.8ः लोग 20 से 34 वर्ष के बीच तंबाकू और तंबाकू उत्पादों के उपयोग की शुरुआत करते हैं। इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि कि धूम्रपान करने वालों में 22ः प्रति दिन 10-14 सिगरेट धूम्रपान करते हैं। पश्चिम बंगाल में औसतन प्रति दिन 9 सिगरेट और 29 बीड़ी धूम्रपान किया जाता है।

ये रहे उपिस्थत

यादवपुर यूनिवर्सिटी के एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी, स्वयंसेवक, प्रेा.चितरंजन सिन्हा, डा.रामप्रसाद भट्टाचार्य, एनएसएस के पुलक दास, एसएचएफ की डायरेक्टर आशिमा सरीन, कोर्डिनेटर आमिर खान, सुमंतो मंडल, संजिता सरकार, प्रतिमा रानि आड़ी इत्यादि भी उपस्थित रहे। कार्यशाला में मंच का संचालन डा.ललिताभ महाकूड ने किया।

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