केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि निर्भया मामले में दोषियों को फांसी देने में देरी दिल्ली सरकार की लापरवाही की वजह से हुई है। न्याय में देरी के लिए आम आदमी पार्टी जिम्मेदार है। उन्होंने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 2.5 वर्षों में दया याचिका दायर करने के लिए दोषियों को दिल्ली सरकार ने नोटिस क्यों नहीं दिया?
जावड़ेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में उनके अपील को खारिज और उन्हें मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन दिल्ली सरकार के रवैये से उन्हें सजा नहीं मिली। अगर केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक हफ्ते के भीतर सभी दोषियों को नोटिस दिया होता, तो उन्हें अबतक फांसी दे दी जाती और देश को न्याय मिल गया होता।
दुष्कर्मियों और हत्यारों के साथ खड़ी है केजरीवाल सरकार
प्रकाश जावड़ेकर ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले 2.5 साल में तिहाड़ जेल को विस्तृत कानूनी प्रक्रिया मुहैया कराने में जो रवैया दिखाया है, उससे पता चलता है कि वह दुष्कर्मियों और हत्यारों के साथ खड़ी है।
पूरा देश चाहता है कि चारों आरोपियों को फांसी दी जाए और वे देरी कर रहे हैं
जावड़ेकर ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट में खड़े होकर कहा कि फांसी 22 जनवरी को नहीं हो सकती। पूरा देश चाहता है कि चारों आरोपियों को फांसी दी जाए और वे (केजरीवाल सरकार) इसमें देरी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अभी भी अपील करने का समय है। यह अतिरिक्त समय किसने दिया? दिल्ली सरकार की बेरहमी ने।
दिल्ली सरकार ने दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बुधवार को निर्भया मामले में चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है। इसे काफी तेजी से एलजी को भेज दिया है। दिल्ली सरकार ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को यह भी बताया कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं हो सकती, क्योंकि उनमें से एक (मुकेश सिंह) द्वारा दया याचिका दायर की गई है।
22 जनवरी को दी जानी थी फांसी
निर्भया मामले में चार दोषियों मुकेश (32) विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी को तिहाड़ जेल में सुबह 7 बजे फांसी दी जानी थी। दिल्ली की एक अदालत ने 7 जनवरी को उनके डेथ वारंट जारी किया था।