लखनऊ। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि मां गंगा की स्वच्छ, अविरल निर्मल धारा लोगों के जीवन को संवारने का कार्य करती है। डॉ शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा यात्रा को अर्थ से भी जोडा है। इस यात्रा से मां गंगा की अविरलता, निर्मलता व पवित्रता सुनिश्चित करने के साथ ही ऐसे उपाय भी किए गए हैं जिससे मां गंगा के किनारे के क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हों। इससे एक नए प्रकार का वातावरण का सृजन होगा। यह यात्रा केवल गंगा यात्रा नहीं है बल्कि उद्योग और रोजगार देने वाली यात्रा है। भारत की संस्कृति को अनूठा बताते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में देवता अगर कहीं निवास करते हैं तो वह भारत भूमि में ही निवास करते हैं।
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने आज कौशाम्बी में गंगा यात्रा के दौरान आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि विदेश में कहा जाता है कि जिसने जन्म लिया वह कमाएगा तथा जो कमाएगा वह खाएगा पर भारत की संस्कृति कहती है जिसने जन्म लिए वह कमाएगा तथा जो कमाएगा वह खिलाएगा। हमारी संस्कृति के अनुसार मनुष्य का जन्म सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि सबके कल्याण के लिए हुआ है। सर्वे भवन्तु सुखिन: हमारी संस्कृति का आधार है जिसका अर्थ है सबके सुख में मेरा सुख। इसी कारण हमारी संस्कृति विशेष है और यह तब और अधिक विशिष्ट हो जाती है जब मां गंगा का वर्णन किया जाता है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भागीरथ तपस्या करके मां गंगा को लोगों के कल्याण के लिए पृथ्वी पर लेकर आए थे। आज देश के प्रधानमंत्री ने मां गंगा को स्वच्छ अविरल और निर्मल बनाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तमाम प्रकार के उपाय आरंभ किए है। सरकार का लक्ष्य है कि मां गंगा की अविरलता और निर्मलता को हर हाल में सुनिश्चित किया जाए और इसके लिए गंगा यात्रा का आयोजन किया गया है। गंगा यात्रा दो स्थानों बलिया और बिजनौर से आरंभ हुई है जिसका समापन कानपुर में होगा। यह सौभाग्य का विषय है कि इस यात्रा को हस्तिनापुर से लेकर चलने का अवसर मिला है। डॉ शर्मा ने कहा कि इसके पूर्व भी कई बार अलग अलग यात्राओं में शामिल होने का अवसर मिला पर इस यात्रा में जिस प्रकार से जनसैलाब उमडा है वैसा आज तक कभी नहीं देखा है। लोगों ने स्वेच्छा से खुद को मां गंगा के साथ जोडा है। देश के 40 प्रतिशत लोगों का मां गंगा से सीधा सम्बन्ध है।
उन्होंने कहा कि गंगा यात्रा 27 जिलो से गुजरने के दौरान 1358 किमी का सफर तय करेगी। विराट स्वरूप में आरंभ हुई गंगा यात्रा के मार्ग में आने वाले सांस्कृतिक आध्यात्मिक व धार्मिक केन्द्रों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। गंगा यात्रा के साथ यह कार्य आरंभ हुआ है। सरकार आयुष वेलनेस सेन्टर का निर्माण करा रही है। गंगा के किनारे घाटों का निर्माण कराया जा रहा है। सरकार ने गंगा को निर्मल बनाने की दिशा में बडा प्रयास करके प्रदेश को खुले में शौच की प्रथा से मुक्त कराया है। इसके लिए शौचालय बनाए गए जिससे गंगा के किनारे अब गंदगी नहीं हो रही है। कूडे की गंदगी को नदियों में जाने से रोकने की पुख्ता व्यवस्था करने के साथ ही सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट लागए गए। सरकार ने 79 नालों को टैप कराया है जिससे गन्दगी नदियों में जाने से रुकी है। गंगा के किनारे के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। गंगा यात्रा के दौरान स्वास्थ्य मेला व पशु आरोग्य मेले का भी आयोजन किया गया। गंगा के किनारे के क्षेत्रों में जैविक कृषि को प्रोत्साहन दिया जाएगा। गंगा उद्यान भी बनाए जाएंगे। गंगा यात्रा से इको टूरिज्म को भी बढावा मिलेगा। जो पहल इस यात्रा के साथ की जा रही है उसके बाद यह यात्रा केवल गंगा यात्रा नहीं है बल्कि उद्योग और रोजगार देने वाली यात्रा बन गई है। उन्होंने लोगों को मां गंगा को स्वच्छ अविरल व निर्मल बनाने की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी, ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह “मोती सिंह”, नीलकंठ तिवारी आदि सम्मिलित थे।