लखनऊ। आम आदमी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के शिक्षा-मित्रों की समस्या को संसद में उठाया। सांसद संजय सिंह ने शिक्षा-मित्रों के आन्दोलन की अगुवाई कर रही उमा देवी के साथ ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर , कांग्रेस के नेताओं, ,पी. एल. पुनिया, राज बब्बर, जयराम रमेश ,अखिलेश प्रसाद सिंह, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव,एनसीपी से वंदना चव्हाण , आरजेडी से मनोज झा,सीपीआईएम से, के के राजेश एवं टीडीपी से सी एम रमेश से भेंट करके शिक्षा-मित्रों की समस्या को लेकर समर्थन माँगा।
आम आदमी के और शिक्षमित्रों की प्रमुख मांगों
आम आदमी के और शिक्षमित्रों की प्रमुख मांगों एवं उत्तर प्रदेश की सरकार के साथ हुई वार्ता व आश्वासन के उपरान्त अभी तक विवेचित शासनादेश लागू नहीं हुआ । इसके संबंध में शिक्षामित्र 18 मई 2018 से अनवरत आन्दोलन पर हैं ।
आम शिक्षक/शिक्षामित्र संघ उत्तर प्रदेश के अनुसार प्रदेश में पिछले एक वर्ष में तकरीबन 708 शिक्षा मित्रों की मृत्यु हो चुकी हैद्य तकरीबन 1,24,000 शिक्षामित्रों को समायोजित कर दिया गया है ।
उन्हें केंद्र द्वारा 2017 में निर्देशित समान वेतन समान कार्य से भी वर्जित किया जा रहा है एवं मृतक के परिवारों को मुआवज़ा देने का कोई भी प्रावधान सज्ञान में नहीं आया है ।
श्री संजय ने कहा, “उत्तर प्रदेश शासन शिक्षामित्र को गुमराह करने का काम कर रही हैद्य इस पूरे मसले पर विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने समर्थन देने की बात की।
तमाम शिक्षा मित्रों ने गरीबी व लाचारी के चलते आत्महत्या की, व कईयों की मौत मुफलिसी में हुई, व अभी भी स्वास्थ्य के मामलों में शिक्षामित्रों की स्थिति बहुत नाज़ुक है। मैं विपक्ष के नेताओं से शिक्षामित्रों की गतिविधियों के विरुद्ध कदम उठाने की अपील करूँगा।