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उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांट आंदोलन करेगा “AAP “

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए राजनैतिक पार्टियां कमर कसरने लगी है आैर सबकी नजर उत्तर प्रदेश पर अटकी है। खास बात तो यह है कि इस बड़े सूबे के बंटवारे की मांग उठने लगी है। आम आदमी पार्टी (AAP)ने इसके लिए आंदोलन करने का भी एेलान किया है।

राजनैतिक पार्टियों की निगाह उत्तर प्रदेश पर : AAP

लखनऊ। देश में होने वाले हर चुनाव में सभी राजनैतिक पार्टियों की निगाह उत्तर प्रदेश पर रहती हैं। इसकी असली वजह राज्य में 80 लोकसभा सीटों की संख्या होना है। एेसे में इस बार लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भी राजनैतिक पार्टियां इसके लिए अपने समीकरण तैयार करने लगी हैं। इसी के चलते दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) इसे अब चार भागों में विभाजित कराना चाहती है। प्रवक्ता संजय सिंह ने पीटीआर्इ को बताया कि उत्तर प्रदेश एक देश का एक बड़ा है।

राज्य का जमीनी स्तर पर विकास हो

वहीं आबादी के लिहाज से देखें तो यह दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा राज्य कहा जा सकता है। एेसे में इतने बड़े राज्य का जमीनी स्तर पर विकास हो पाना संभव नही है। इसलिए इस राज्य को चार भागाें में विभाजित किया जाना चाहिए। आम आदमी पार्टी इसका खुलकर समर्थन करती है। इतना ही नहीं इसके लिए आम आदमी पार्टी बहुत जल्द उत्तर प्रदेश में आंदोलन भी करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी छोटे राज्यों की पक्षधर इसलिए है कि क्योंकि कानून-व्यवस्था और विकास की स्थिति बेहतर होगी।

मायावती के इस प्रस्ताव की खिलाफत

नवम्बर 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने यूपी को चार राज्यों पूर्वांचल, बुंदेलखण्ड, पश्चिम प्रदेश और अवध प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कराया था। इसके बाद उसे केन्द्र सरकार के पास भेजा था। हालांकि इसके कुछ महीने बाद वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव हुए आैर इसमें सपा ने मायावती के इस प्रस्ताव की खिलाफत करते हुए उसे चुनावी हथियार बनाया था।चुनाव में बसपा को हार मिली आैर सपा को जीत हासिल हुर्इ। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।

बाशिंदे भी अलग राज्य की मांग कर रहे हैं

स्कूल, सड़क और अस्पतालों जैसी मूलभूत सुविधाएं भी पूरी होंगी। इस दौरान उन्होंने  बुंदेलखण्ड, पूर्वांचल के निवासी और पश्चिमी क्षेत्र की समस्याएं भी गिनार्इं। इस बात से इंकार नहीं किया सकता है कि यहां के बाशिंदे भी अलग राज्य की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इस दौरान संजय सिंह ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती का भी जिक्र किया। उन्होंने कि यूपी बंटवारे की मांग तो कई बार उठ चुकी है लेकिन इसे पूरी करने के लिए पहला कदम मायावती की सरकार में उठाया गया था।

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