बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का बुधवार सुबह (7 जुलाई) निधन हो गया. 98 वर्षीय दिलीप कुमार काफी समय से बीमार चल रहे थे. उन्हें हाल ही में सांस लेने में परेशानी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद उनके निधन की खबर आई. दिलीप कुमार के ऑफिशल ट्विटर हैंडल पर उनके निधन की जानकारी दी गई है. फिल्म इंडस्ट्री के लोग और उनके फैंस सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, उनका इलाज कर रहे पल्मोनॉजिस्ट डॉक्टर जलील पार्कर ने भी यह खबर दी. दिलीप कुमार हिंदुजा हॉस्पिटल में भर्ती थे. दिलीप कुमार की सेहत बिगड़ने के बाद उनकी पत्नी सायरा बानो सोशल मीडिया के जरिए लगातार अपडेट दे रही थीं. दिलीप कुमार को बीती 6 जून को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी.
रिपोर्ट्स थीं कि उनके लंग्स में फ्लूइड इकट्ठा था जिसके ट्रीटमेंट के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था. इसके बाद 29 जून को कुछ दिक्कत महसूस होने पर उन्हें फिर से हॉस्पिटल में ऐडमिट करवाना पड़ा. उनके ट्विटर अकाउंट पर हेल्थ अपडेट दिया गया था जिसमें हालत में सुधार बताया गया था. वहीं सायरा बानो ने भी मीडिया से कहा था कि उन्हें जल्द घर ले जाएंगी. लेकिन इस बार फैंस और करीबियों की लाख दुआओं के बाद भी दिलीप साहब इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए.
बता दें कि बीते साल दिलीप कुमार ने अपने दो छोटे भाइयों 88 वर्षीय असलम खान और 90 वर्षीय एहसान खान को कोरोना के कारण खो दिया था. जिसके बाद उन्होंने अपना जन्मदिन और शादी की सालगिरह भी नहीं मनाई थी. सायरा बानो ने बताया था कि भाइयों के मौत की खबर उन्हें लंबे वक्त तक नहीं दी गई थी.
-पीएम मोदी ने शोक जताया
पीएम मोदी ने भी दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया. पीएम मोदी ने कहा , “उन्हें एक सिनेमाई लीजेंड के रूप में याद किया जाएगा.” पीएम ने कहा, “उन्हें अद्वितीय प्रतिभा का आशीर्वाद प्राप्त था, जिसके कारण पीढ़ियों के दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए थे. उनका निधन हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए एक क्षति है”
– राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
-कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सबसे पहले दिलीप कुमार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी परफॉमेंस को आने वाली पीढ़ियों में याद किया जाएगा. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “दिलीप कुमार जी के परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है. भारतीय सिनेमा में उनके असाधारण योगदान को आने वाली पीढ़ियों के लिए याद किया जाएगा.”
दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पाकिस्तान में हुआ था और उनका पहला नाम यूसुफ खान था. बाद में उन्हें पर्दे पर दिलीप कुमार के नाम से शोहरत मिली. एक्टर ने अपना नाम एक प्रोड्यूसर के कहने पर बदला था, जिसके बाद उन्हें स्क्रीन पर दिलीप कुमार के नाम से लोग जानने लगे.
दिलीप कुमार की शुरुआती पढ़ाई नासिक में हुई. बाद में उन्होंने फिल्मों में अभिनय का फैसला किया और 1944 में रिलीज हुई फिल्म ज्वार भाटा से डेब्यू किया. शुरुआती फिल्में नहीं चलने के बाद अभिनेत्री नूर जहां के साथ उनकी जोड़ी हिट हो गई. फिल्म जुगनू दिलीप कुमार की पहली हिट फिल्म बनी. दिलीप साहब ने लगातार कई फिल्में हिट दी हैं. उनकी फिल्म मुगल-ए-आजम उस वक्त की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी. अगस्त 1960 में रिलीज हुई यह फिल्म उस वक्त की सबसे महंगी लागत में बनने वाली फिल्म थी.
दिलीप कुमार को आठ फिल्मफेयर अर्वाड मिल चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा अवॉर्ड जीतने के लिए दिलीप कुमार का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. दिलीप कुमार को साल 1991 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. 1994 तें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया. 2000 से 2006 तक वह राज्य सभा के सदस्य भी रहे. 1998 में वह पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी सम्मानित किए गए.