महाराजगंज/रायबरेली। योगीराज में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। प्रशासनिक व्यवस्था की हकीकत जानना है तो आप तहसील मुख्यालय महराजगंज आकर जान सकते हैं, कि आखिर कितने महीनों से तहसील मुख्यालय में रिक्त पड़े पदों पर तैनाती नहीं हो रही है। चेंबर में बैठे तहसीलदार राम कुमार शुक्ला हाथ पर हाथ रखकर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। राम कुमार शुक्ल की आराम फरमाने की वजह है की हाल ही में उन्हें उप जिला अधिकारी के पद पर प्रोन्नति कर दिया गया। लेकिन तहसीलदार की कुर्सी पर अब तक क्यों बैठे हैं यह सवाल सभी के मन में है।
आपको बताते चलें कि कई महीनों से तहसील में आविवादित पत्रावलियों का निस्तारण न होने से अधिवक्ताओं की रोजी रोटी का गहरा संकट है। वही वादकारियों को जवाब देते देते मानसिक रूप से परेशान भी हैं। लेकिन अपनी व्यथा कहे तो किस से कहें। एक दिन तो सभी अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा भी किया लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी रहे। ना तो नायब तहसीलदार की तैनाती की गई नाही रजिस्टार कानूनगो की तैनाती की गई ना ही तहसीलदार की कार्यशैली में सुधार हुआ इससे यह साफ तौर पर देखा जा सकता है।
प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। आपको यह भी बता दें कि महराजगंज शिवगढ़ और बछरावा तीन नायब तहसीलदार की जगह एक की भी तैनाती नहीं है। और तीन रजिस्टार कानूनगो की जगह सिर्फ एक रजिस्टार कानूनगो कार्यरत है। वहीं तहसीलदार रामकुमार शुक्ल अभी हाल ही में प्रोन्नति पाकर उपजिलाधिकारी बने है। इसलिए तहसीलदार न्यायालय की पत्रावलीओं में नामांतरण आदेश पारित नहीं करते हैं। जिसके चलते अधिवक्ताओ एवं वादकारियों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।
अधिवक्ता राधेश्याम का कहना है कि तहसीलदार न्यायालय में व नायब तहसीलदार न्यायालय में विवादित व अविवादित पत्रावलियों में आदेश नहीं हो पा रहे हैं जिससे हम अधिवक्ताओं की दिन प्रतिदिन समस्या बढ़ती जा रही है। और काश्तकारों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है। वहीं अधिवक्ता शुभांज्य सिंह, इम्तियाज अली, सत्यप्रकाश मिश्र, मनीष तिवारी, अमित शुक्ला, आदि अधिवक्तओं ने कहा कि अगर समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो हम सभी जूनियर अधिवक्तागण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अवगत कराएंगे।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा