अयोध्या टकराव का उच्चतम न्यायालय से निर्णय आने के बाद उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर इस साल अयोध्या शहर में जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाला गया. यह ऐतिहासिक जुलूस मरकजी अंजुमन तबलीग अहले सुन्नत टाटशाह मस्जिद कोठापार्चा के तत्वावधान में सैकड़ों सालों से निकाला जाता रहा है. जुलूस न निकाले जाने का निर्णय शनिवार की देर रात टाटशाह मस्जिद में चली मैराथन मीटिंग में शहर की अंजुमनों ने सर्वसम्मति से लिया.
सुप्रीम निर्णय के बाद उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले जलसे और जुलूस-ए-मोहम्मदी पर पूरा असर दिखा. उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने के बाद शहर के मुसलमानों ने जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाले जाने का निर्णय किया. बताया गया कि जुलूस न निकाले जाने के पीछे जुलूस में उमड़ने वाली हजारों की भीड़ से शहर के अमन में कोई कठिनाई न खड़ी हो, इसलिए पहले लंगरे रसूल का आयोजन स्थगित किया गया, उसके बाद शनिवार की देर रात जुलूस न निकालने का निर्णय लिया गया.
जामा मस्जिद टाटशाह में ही जलसे की अदा की गयी रस्म
मरकजी अंजुमन तबलीग अहलेसुन्नत जामा मस्जिद टाटशाह के सदर और मस्जिद इमाम मौलाना शमशुल कमर अलीमी की अध्यक्षता में टाटशाह मस्जिद में ही चौक के बजाये जश्ने ईद मीलादुन्नबी के जलसे की रस्म अदा की गयी. बताया गया कि इसी जलसे में यह फैसला लिया गया कि रविवार को जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकलेगा. यह भी फैसला लिया गया कि सभी मस्जिदों में नजर नियाज कराने का फैसला लिया गया. जलसे में मौलाना फैसल, मास्टर सिराजुल हक, मो। अहमद बरकाती, अलीमुद्दीन, शहाब, हाजी खुर्शीद, मो। अकबर उपस्थित रहे. वहीं, शनिवार की देर शाम शहर में जश्ने ईद मीलादुन्नबी के उपलक्ष्य में चौक, रिकाबगंज सहित अन्य मुस्लिम मोहल्लों में की गयी बिजली की सजावट भी उतार दी गयी. रोशनी गेट हटा लिये गये व विभिन्न स्थानों पर होने वाले लंगरे रसूल भी स्थगित कर दिया गया.
जुलूस निकलवाने के लिए प्रशासन का कोशिश रहा असफल
दूसरी ओर जिला प्रशासन देर शाम तक मुस्लिमों को जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाले जाने के लिए प्रेरित करता रहा. जुलूस निकाले जाने को लेकर प्रशासन और पुलिस के ऑफिसर लगातार अंजुमन के पदाधिकारियों से संपर्क बनाये रहे. लेकिन दशा का हवाला देते हुए जुलूस निकालने पर मुस्लिम तैयार नहीं हुए. रविवार को शहर में अधिकांश मुस्लिमों की दुकानें बंद रहीं. चौक सब्जी मण्डी में भी मुस्लिमों ने अपनी दुकाने नहीं लगायीं.