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15 साले के इंतजार के बाद भारतीय सेना को मिला अमेरिकी असॉल्ट राइफल

भारतीय सेना को नई असाल्ट राइफल मिल गई है। इस अमेरिकी राइफल का रेंज काफी है इसके जुड़ने से जम्मू और कश्मीर में जहां आतंकवाद से लड़ाई में सेना को और ताकत मिलेगी वहीं नियंत्रण रेखा पार से पाकिस्तानी और चाइना सेना की नापाक हरकतों का और असरदार ढंग से जवाब दिया जा सकेगा।

सूत्रों ने बताया कि सेना को दस हज़ार सिग साउर राइफल्स की पहली खेप आ चुकी है और दस हजार की एक और खेप जल्दी ही भारत आएगी। सेना के लिए हथियार आपूर्ति की प्रक्रिया फास्ट ट्रैक करने के तहत भारत ने अमेरिका के साथ इस साल फरवरी में करीब 72,000 असॉल्ट राइफल्स खरीदने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस खरीद पर 700 करोड़ रुपए खर्च होने हैं।

भारतीय सेना काफी समय से ऐसे राइफल की मांग कर रही थी की जो ज्यादा मारक हो और मारक कारतूस दाग सके। अभी INSAS राइफल से मध्यम 5।56×45 mm कारतूस ही दागे जा सकते हैं। दोनों असॉल्ट राइफल्स में ये बड़ा अंतर है। सिग 716 राइफल में अधिक ताकतवर 7।62x51mm कारतूस का इस्तेमाल होता है।

भारतीय सेना की स्निपर राइफल्स के लिए गोलाबारूद की आपूर्ति मिलनी भी शुरू हो गई है। वेंडर्स को 21 लाख राउंड्स के ऑर्डर दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक 10,000 सिग 716 राइफल्स की खेप उत्तरी कमान को भेजी जा चुकी है। उत्तरी कमान पर ही जम्मू और कश्मीर में आंतक विरोधी ऑपरेशन्स चलाने के साथ सरहद पार से घुसपैठ रोकने की ज़िम्मेदारी है। समझौते के तहत जो सिग राइफल्स आनी है उनमें से 66,000 भारतीय सेना को मिलेंगी। नौसेना को 2,000 और भारतीय वायु सेना को 4,000 राइफल्स दी जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना की ताकत में उस वक्त और इज़ाफ़ा होगा जब उसे 7 लाख AK-203 असॉल्ट राइफल्स मिलेंगी। इनका उत्पादन भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम में होना है।

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