लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए बागपत पहुंचे लोकदल के मुखिया चौधरी अजित सिंह ने यहां 2019 में लोकसभा का चुनाव ना लड़ने का ऐलान कर सभी को चौंका दिया। इस मौके पर चौधरी अजित सिंह ने भाजपा और केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद में राहुल गाँधी द्वारा पीएम से गले मिलने पर उन्होंने कहा कि राहुल की झप्पी का पीएम नरेंद्र मोदी कोई जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि संसद में हुई डिबेट के बाद लोगों ने मान लिया है कि अब मोदी की हार तय है। महागठबंधन पर बोलते हुए आरएलडी मुखिया अजित सिंह ने कहा कि महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ना हर पार्टी की मजबूरी। उन्होंने कहा कि इस वक्त जो कोई पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी वह समाप्त हो जाएगी।
चौधरी अजित सिंह ने उम्र का हवाला
श्री चौधरी 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं की समीक्षा बैठक लेने पहुंचे थे।उन्होंने उम्र का हवाला देते हुए कहा कि 80 साल उम्र हो गई है। लिहाजा,अब वो चुनावी भागदौड़ करने की स्थिति में नहीं है इसलिए वो चुनाव नहीं लड़ेंगे।
नहीं बचा पाए सीट
लोक सभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही प्रदेश में सियासत गरमाने लगी है। अपनी पुस्तैनी सियासी जमीन खो चुके राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह मंगलवार को बागपत पहुंचे। बताया जा रहा है कि अजीत सिंह के दौरे का मुख्य उद्देश्य हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को फिर से पुनर्जीवित करना है। बागपत अजित सिंह की लोक सभा सीट रही है। वे इसी क्षेत्र से बार-बार जीतते रहे हैं। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की आंधी में वे अपनी सीट भी नहीं बचा पाए थे।
हिन्दू-मुस्लिमों के बीच की खाई
2013 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जाट और मुस्लिम के बीच हुई सांप्रदायिक हिंसा की वजह से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण ने हिंदू और मुस्लिम के वोट को पूरी तरह से बंट गया था। जिसका फायदा भाजपा को हुआ और इसकी कीमत चौधरी अजित सिंह को हार के रूप में चुकानी पड़ी। यही वजह है कि चौधरी अजित सिंह अब हिन्दू-मुस्लिमों के बीच की खाई को बांटने में जुट गए हैं।
जमीनी स्तर पर कार्य योजना
बागपत के पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में हुई बैठा के दौरान आगामी चुनावी की रणनीति पर चर्चा की गई।इस बैठक में चुनिंदा कार्यकर्ताओं को ही चौधरी अजित सिंह से मिलने इजाजत दी गई। बैठक के दौरान आरएलडी के कोई भी बड़े नेता नहीं पहुंचे। इस लिहाज से इस बैठक को पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करना ही माना जा रहा है, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए जमीनी स्तर पर कार्य योजना तैयार की जा सके। यही वजह है कि बड़े नेताओं से मिलने के बजाय अजित सिंह सीधे कार्यकर्ताओं से रूबरू हो रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि अजित सिंह चाहते हैं कि धरातल पर होने वाली किसी भी परेशानी को समय से पहले दूर किया जा सके। बैठक के दौरान पहुंचे मीडियाकर्मियों को भी इस बैठक से दूर रखा गया।
भिड़े हिंदू-मुस्लिम समर्थक
हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश लेकर निकले अजीत सिंह के कुछ कार्यकर्ताओं की हरकत ने यहां कुछ मुस्लिम समर्थकों को नाराज कर दिया। अजीत सिंह जब बागपत के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पहुंचकर कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। इस दौरान मुस्लिम समाज के एक अध्यक्ष ने उनसे मिलने का प्रयास किया, लेकिन बीच रास्ते में ही आरएलडी के कुछ स्थानीय नेताओं ने उनको अंदर जाने से रोक दिया, जिससे मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भड़क गए। इसके बाद काफी देर तक वहां हंगामा चलता रहा। आवाज सुनकर अजित सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और उनको शांत कराया, लेकिन अपने नेता के साथ हुई बदसलूकी की वजह से मुस्लिम कार्यकर्ता नाराज हो गए और आरएलडी विरोधी नारे लगाकर वहां से जाने लगे। इसके बाद अजीत सिंह ने खुद सामने आकर उनको मनाया,तब जाकर मुस्लिम कार्यकर्ता शांत हुए। इस सबके बीच अब देखने वाली बात यह होगी कि चुनाव पूर्व हिंदू-मुस्लिम एकता का नारा बल देने वाली आरएलडी हिंदू-मुस्लिम भाईचारा स्थापित कर पायेगी या नहीं।
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