समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिल्ली राज्य विधानसभा के चुनावों में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की जीत पर बधाई देते हुए कहा है कि भाजपा की नफरत की राजनीति सफल नहीं हो सकती है। दिल्ली देश की राजधानी है वहां सत्ता का दुरूपयोग करने के बाद भी भाजपा का जनता के निर्णय के सामने टिक न पाना एक करारा सबक हैं इस जनादेश का संदेश पूरे देश में जाएगा। यह भी स्पष्ट है कि भाजपा के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा झूठा है। उत्तर प्रदेश में भी भाजपा के न कोई साथ है, न किसी का विकास हुआ है और न भाजपा पर किसी का विश्वास है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने धोखा देकर केन्द्र में तो अपनी सरकार बना ली लेकिन एक वर्श के अन्दर ही दिल्ली की जनता ने अपना निर्णय विकास के पक्ष में दिया है। भाजपा का पूरा शीर्ष नेतृत्व, भाजपा सरकारों के मुख्यमंत्री, सांसद, प्रधानमंत्री-गृहमंत्री सहित केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने भाजपा को जिताने में दिन रात एक कर दिया था। दिल्ली की जनता ने बढ़ती बेरोजगारी, मंहगाई, साम्प्रदायिकता के विरोध में मतदान किया। सीएए, एनआरसी, एनपीआर भी भाजपा की पराजय के कारणों में शामिल है।
भाजपा का समाज में नफरत के जरिए ध्रुवीकरण करके मतदान कराने का प्रयास लोकतांत्रिक व्यवस्था पर आघात करना है। भाजपा को इससे बाज आना चाहिए। यह भी स्पष्ट है कि भाजपा किसी भी बाग को उजाड़ने की ताकत नहीं रखती है। लोकतंत्र में भारतीय समाज की बाग फलती-फूलती रहेगी।
दिल्ली के विधानसभा चुनावों का एक रोचक पहलू यह भी है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी दिल्ली में भाजपा के स्टार प्रचारक बने घूमते रहे। वे जहां-जहां प्रचार में गए भाजपा का बंटाधार हो गया। ‘‘जहां-जहां चरण पड़े संतन के, वहां-वहां भाजपा का सूपड़ा साफ।‘‘ दूसरे राज्यों में भी वे जहां प्रचार करने गए थे वहां भी उनका यही रिकार्ड रहा। भाजपा के झूठ छल प्रपंच को जनता अच्छी तरह समझ गयी है। भविष्य में भी भाजपा की झांसे की राजनीति कामयाब नहीं हो सकती।