लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि ‘स्वच्छ इंधन, बेहतर जीवन‘ के नारे के साथ लांच हुई उज्ज्वला योजना 2.0 चुनाव से ठीक पहले भाजपा का जनता से दूसरा बड़ा छलावा भर है। वस्तुतः यह योजना ‘मंहगा ईंधन, बेकार जीवन‘ में बदल चुकी है।
सरकारी विज्ञापनों में और मुख्यमंत्री जी के भाषणों में गांव की गरीब महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उज्ज्वला योजना की शुरूआत का एलान होता हैं। गरीबों को लाखों की संख्या में रसोई गैस चूल्हा और सिलेंडर दिए जाने का दावा किया जाता है।
जबकि हकीकत यह है कि उज्ज्वला का सिलेंडर महज शो पीस से ज्यादा कुछ नहीं है। एनएसओ के सर्वे के मुताबिक गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले 20 प्रतिशत परिवारों की प्रतिमाह आय मात्र 1065 रुपये है। पिछले 15 माह में रसोई गैस सिलेंडर के दामों में 321 रूपए की बढ़त दर्ज की गई है। जुलाई में गैस सिलेंडर 933 रूपए का मिल रहा है। 01 अगस्त 2021 से सरकार ने 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर के दामों में 73.5 रूपए की बढ़ोतरी कर दी है जबकि उस पर सब्सिडी फिक्स कर दी गई है।
सच तो यह है कि जिन परिवारों को उज्ज्वला योजना का लाभ मिला है वे दोबारा गैस सिलेंडर नहीं ले सके हैं। इस योजना के 78 प्रतिशत परिवारों ने फिर चूल्हे पर खाना बनाना शुरू कर दिया है। जब रसोई गैस सिलेंडर गरीब की कमाई और जेब से बाहर है तो उज्ज्वला योजना तो उसके लिए भाजपा की चुनावी एजेंडा पूरी करने की साजिश के अलावा और कुछ नहीं है। गरीब को बहकाकर उसे और ज्यादा गरीब बनाने की इस साजिश को जनता बखूबी समझ रही है। वह उसे अब और राजनीतिक रोटियां सेंकने नहीं देगी।