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AKTU: बच्चों ने डॉ कलाम जैसा वैज्ञानिक बनने का संजोया सपना

• शैक्षणिक यात्रा पर एकेटीयू आये नौवीं और दसवीं के बच्चों ने देखे विभिन्न लैब, कोई बनना चाहता है बड़ा इंजीनियर तो किसी को रोबोटिक्स साइंटिस्ट बनने का है सपना

लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) में उच्च स्तरीय लैब मौजूद हैं। जिनमें छात्रों से लेकर रिसर्च स्कॉलर घंटों प्रयोग में लगे रहते हैं। कोई रोबोट बनाने में जुटा रहता है तो कोई थ्रीडी प्रिंटर पर काम करता है। अक्सर इन लैब को देखने कॉलेज और स्कूल के बच्चे आते हैं। गुरूवार को गर्वनमेंट हायर सेकेण्डरी स्कूल दुगौना हरदोई के नौवीं और दसवीं के बच्चों के लिए खास दिन था। अपने शिक्षकों के साथ आये बच्चों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न लैब को देखा।

लैब को देख चमक उठी आंखें

क्लासरूम, शिक्षक, लेक्चर और किताब के डेली रूटीन से अलग बच्चे जब लैब पहुंचे तो उनकी आंखें चमक उठीं। बच्चे लैब के विभिन्न हिस्सों को बड़ी गंभीरता से देख रहे थे। हर एक चीज की जानकारी बारीकी से पूछ रहे थे। इस दौरान बच्चों ने एडवांस फैब्रिकेशन लैब, आइडिया लैब, थ्री डी प्रिंटिंग लैब, गूगल कोडिंग लैब, फाइबर सेमुलेशन, रोबोटिक्स, इंडस्टियल ऑटोमेशन, सेंसर लैब, लेजर लैब आदि का निरीक्षण किया।

AKTU

बच्चों ने थ्री डी प्रिंटिंग से किस तरह मॉडल बनाये जाते हैं कि जानकारी ली। साथ ही आइडिया लैब को करीब से जाना। लैब देखने के बाद ऐसा लगा जैसे बच्चों को भविष्य की राह मिल गयी हो। कोई डॉ कलाम जैसा बनने के सपने बुनने लगा तो कोई इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करने को आतुर दिखा।

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कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने कहा कि छोटे बच्चों के लिए इस तरह का अनुभव बहुत जरूरी है। ऐसी जगहों पर आने से बच्चों कि दिशा बदल जाती है। बच्चे न केवल बहुत कुछ नया सीखते हैं बल्कि उनके सपने भी बड़े हो जाते हैं। इस दौरान इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह ने बच्चों को लैब के बारे में विस्तार से बताया। वहीं, वंदना शर्मा ने बच्चों को इनोवेशन के बारे में बताया।

AKTU

लाइब्रेरी भी पहुंचे बच्चे

निरीक्षण के क्रम में बच्चे विश्वविद्यालय की डिजिटल लाइब्रेरी भी पहुंचे। वहां बच्चों ने लाइब्रेरी के बारे में जानकारी ली। मसलन किस तरह की किताबें हैं और डिजिटल लाइब्रेरी पर कैसे किताबों को पढ़ा जा सकता है इस बारे में भी पूछा। बच्चों के साथ उनके शिक्षक प्रदीप कुमार, राकेश कुमार और इंतजार अहमद भी आये थे।

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