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सभी राज्यों को अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को वापस भेजने के निर्देश दिए गए – गृह मंत्रालय

भारत के पड़ोसी मुल्क म्यांमार से आए रोहिंग्याओं से संबंधित एक सवाल पर गृह मंत्रालय ने कहा कि जिस किसी शख्स के पास मुनासिब दस्तावेज़ नहीं है, उन्हें वापस भेजने के नियम है. बजट सत्र के दौरान सांसद किरोड़ी लाल मीणा के प्रश्न पर उच्च सदन में गृह मंत्रालय ने कहा कि इन्हीं नियमों के तहत वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में सभी राज्यों को रोहिंग्या को वापस भेजने के लिए विस्तृत निर्देश दिए गए हैं.

बताया गया कि अवैध रूप से भारत में रह रहे रोहिंग्या को वापस भेजने का आदेश निर्वासन प्रत्यर्पण नियम के तहत दिया गया है. अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या से संबंधित एक और सवाल में गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में कहा है कि रोहिंग्या बड़ी संख्या में, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक और केरल में रह रहे हैं.

गृह मंत्रालय ने राज्य सभा में कहा कि इनके पास कोई भी वैध दस्तावेज़ नहीं है, इसलिए स्पष्ट रूप से अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या की तादाद निर्धारित नहीं की जा सकती है. बता दें कि 2017 में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण ने रिरिजू संसद में बताया था कि रोहिंग्याओं की संख्या 40,000 अनुमानित की गई है और देश उन्हें वापस भेजने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि इनमें से तक़रीबन 16,000 औपचारिक रूप से यूएनएचसीआर से शरणार्थी के रूप में पंजीकृत थे.

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