America राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौते को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ अमेरिका ईरान परमाणु समझौते से अलग हो गया है। यह न्यूक्लियर डील ईरान और छह वैश्विक शक्तियों के बीच वर्ष 2015 में हुई थी। जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और ईरान शामिल थे। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस समझौते की अगुवाई की थी। ईरान न्यूक्लियर डील से अमेरिका के अलग होने का ऐलान करते हुए ट्रंप ने कहा कि ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
America के अलग होने के फैसले का बेंजामिन नेतन्याहू ने किया स्वागत
ट्रंप के इस ऐलान के बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि उनका देश अमेरिका के बिना भी इस न्यूक्लियर डील में बना रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रंप के इस फैसले पर वो यूरोप, रूस और चीन से बात करेंगे। इसके अलावा इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान न्यूक्लियर डील से अमेरिका के अलग होने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस डील से अमेरिका को अलग करने का ट्रंप का फैसला बिल्कुल सही और साहसिक है। फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों ने ट्रंप के इस फैसले पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि अमेरिका के इस फैसले से रूस, जर्मनी और ब्रिटेन निराश हैं। ट्रंप ने दावा किया कि इस न्यूक्लियर डील से अलग होना अमेरिका के हित में है। इससे अमेरिका को सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।
- इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि वो इस न्यूक्लियर डील को 12 मई से आगे नहीं बढ़ाएंगे।
न्यूक्लियर डील की खामियों को करें दूर
ट्रंप ने सख्त लहजे में कहा था कि अमेरिका के यूरोपीय सहयोगी न्यूक्लियर डील की खामियों को दूर करें, वरना वह फिर से पाबंदी लगाएंगे। ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने कहा था कि अगर अमेरिका न्यूक्लियर डील से अलग होता है, तो उसे उसको ऐसा पछतावा होगा जैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ है।