टीबी मरीज को लिया गोद, दी पोषण आहार किट
औरैया। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए हर दिन नए-नए प्रयास हो रहे हैं। टीबी रोगियों को गोद लिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने और टीबी मुक्त ‘गांव’ बनाने की मुहिम में भाग्यनगर ब्लाक के कोठीपुर ग्राम प्रधान अमरेश पांडेय भी जुड़ गए हैं। उन्होंने शनिवार को 24 वर्षीय क्षयरोगी संजू को गोद लेकर एक अनूठी शुरुआत की है। बता दें की जनपद की इस समय ब्लॉक भाग्यनगर में लगभग 200 क्षयरोगी हैं।
प्रधान अमरेश पाण्डेय कहते हैं टीबी रोग का खात्मा सामूहिक प्रयास से ही हो सकता है। कई ऐसे मरीज है, जिन्हें इलाज के साथ देखभाल की जरूरत भी है। ऐसे लोगों की मदद में सामाजिक संगठन भी आगे आ रहे हैं और उनके लिए पोषण युक्त आहार की व्यवस्था कर रहे हैं। टीबी रोगियों को दवा के साथ उचित पोषण आहार भी जरूरी है। इससे मरीज जल्द स्वस्थ होते है। इसी कड़ी में मैंने भी संजू को गोद लिया है और कोशिश है की इस पहल को और आगे लेकर जाऊं जिससे हमारे गाँव सहित पूरा जिला और फिर पूरा देश टीबी मुक्त हो सके। जरूरत पड़ने पर और भी मरीजों को गोद लिया जाएगा। उन्होंने अन्य सामाजिक संगठनों से भी टीबी मरीजों की मदद के लिए आगे आने का आह्वान किया।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अशोक कुमार राय ने कहा कि थकान, बुखार, तीन या उससे ज्यादा हफ्तों से खांसी, खांसी में खून आना, खांसते या सांस लेते हुए सीने में दर्द होना, अचानक वजन घटना, ठंड लगना और सोते हुए पसीना आना इत्यादि टीबी के लक्षण होते हैं। इसका इलाज संभव है। सरकार की तरफ से इलाज बिल्कुल मुफ्त है। इसलिए टीबी के लक्षण दिखे तो संकोच नहीं करें। तत्काल अस्पताल आकर अपनी जांच करवाएं। जांच में अगर टीबी होने की पुष्टि होती है तो दवा लेकर तत्काल इलाज शुरू करवा लें। इससे जल्द स्वस्थ हो जाएंगे।
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक श्याम कुमार ने कहा कि गोद लेने वाले मरीजों को निक्षय पोषण योजना के लाभ के साथ भूना चना, सत्तू, सोयाबिन, गुड़, मूंगफली, बिस्किट आदि खाद्य पदार्थाे का एक किग्रा का पैकेट भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि इलाज में देरी करने पर यह खतरनाक हो सकता है। जनपद में टीबी के लगभग 1500 मरीज हैं। जिन्हें निक्षय पोषण योजना से 500 रूपए की हर माह प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
संजू का कहना है कि टीबी के मरीजों से भेदभाव नहीं बल्कि मानसिक तौर पर मरीजों का सहयोग करें । मरीजों के इलाज में हरसंभव सहयोग करें। इस दौरान पीपीएम समन्वयक रविभान सहित अन्यलोग उपस्तिथ रहे।
यह लक्षण आने पर तत्काल कराएं जांच
· 15 दिन खांसी आने पर
· खांसी के साथ बलगम आने
· बलगम में खून आने
· भूख न लगना, वजन कम होना
· बुखार आना
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर