ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग से जंगली जानवरों के विलुप्त होने का खतरा मंडराने लगा है. इस आग में अब तक एक अरब से अधिक जानवरों के मारे जाने का अनुमान है. दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश हिस्से में फैली आग के चलते जंगल में कई तरह के मर्मस्पर्शी दृश्य नजर आ रहे हैं. इसी तरह के एक दृष्य में स्वयंसेवी साराह को कंगारू का एक बच्चा चारों ओर लगी आग के बीच अंतिम सांस गिन रही अपनी मां की झोली में छिपा हुआ मिला.
यह बच्चा बेहद डरा हुआ था. कुछ देर बाद उसकी मां की मौत हो गई. उसे लगा कि कंगारू के जीवित बचे बच्चे का कोई नाम रखा जाना चाहिए. उन्होंने इसका नाम चांस रख दिया जो अब धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा है. उसे नियमित भोजन-पानी दिया जा रहा है और उसे एक अंधेरे कमरे में एक झोली में रखा जा रहा है. यह इस भयावह आपदा में किसी जीव के इस तरह बचने की एक दुर्लभ कहानी है.
वन्यजीव बचाव समूह वाइर्स के साथ काम करने वाली संस्था ने कहा कि हमें लगता है कि आग में बहुत कुछ नष्ट हो गया है. आग के चलते कोआला जानवरों के झुलसे हुए शरीरों, पोसम्स के जले हुए पंजों और अनगिनत कंगारुओं के शवों की भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं. मेंढक, कीट-पतंगे, अकशेरुकी और सरीसृप जैसे कम नजर आने वाले जंतुओं का भी आग के चलते सफाया हो जाने की आशंका है.
विशेषज्ञों का कहना है कि जो जीव बच गए हैं, उन्हें जीवित रहने के लिए संकटपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी ओर जंगल की आग के कारण ऑस्ट्रेलिया के अनेक हिस्सों को भीषण तापमान वृद्धि के खतरे का लगातार सामना करना पड़ रहा है. आशंका है कि गर्म हवाएं स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया, न्यू साउथ वेल्स, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और पश्चिम ऑस्ट्रेलिया प्रांतों को आग के चलते लगातार खतरे का सामना करना पड़ रहा है. आपातकालीन प्रबंधन विभाग के अनुसार विक्टोरिया में आग 23 जगहों पर अब भी लगी हुई है. वहीं न्यू साउथ वेल्स में लगभग 135 जगहों पर आग अब भी जारी है.