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क्या भारत की मजबूत साख से घबराकर अदाणी समूह पर हमले? ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाले दावे

क्या अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप गहरी साजिश का हिस्सा हैं? क्या अदाणी समूह पर हमला भारतीय अर्थव्यवस्था के दो प्रमुख स्तंभ भारतीय स्टेट बैंक और एलआईसी को कमजोर करने के लिए किया गया? रूसी मीडिया स्पुतनिक ने तो फिलहाल यही दावा किया है। अपनी एक रिपोर्ट में स्पुतनिक ने विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया है कि अदाणी समूह की आलोचना पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई। इसका कारण अदाणी समूह का बढ़ता वैश्विक प्रभाव है।

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स्पुतनिक की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ ताकतें एशिया और अफ्रीकी देशों में बुनियादी ढांचे के मामले में अदाणी समूह के बढ़ते दखल से असहज हैं। यही कारण है कि पश्चिम समर्थित रिपोर्ट्स (हिंडनबर्ग रिपोर्ट) में अदाणी समूह को निशाने पर लिया गया।

दावा- एसबीआई और एलआईसी को कमजोर करने के लिए हुए हमले

रिपोर्ट अनुसार, भारत के अदाणी समूह पर हालिया हमले, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को अस्थिर करने के लिए की गई गहरी साजिश का हिस्सा हैं। स्पुतनिक ने उद्योग जगत के सूत्रों के हवाले से बताया कि अगर एसबीआई और एलआईसी प्रभावित हुए, तो देश पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

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पश्चिमी देशों के समर्थित रिपोर्ट्स में अदाणी की कंपनियों में एसबीआई और एलआईसी के निवेश पर सवाल उठाया है और समूह पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। इसी तरह की कोशिश सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) और भारतीय संसद की साख् को कमजोर करने के लिए भी किए गए।

इन हमलों से पता चलता है कि भारत की आर्थिक प्रगति और अदाणी के बढ़ते वैश्विक प्रभाव से पश्चिमी देशों में भय है। इसे स्वीकार करना कई लोगों के लिए कठिन है। पश्चिम भारत की आर्थिक उन्नति को देखकर अत्यधिक चिंतित है। रिपोर्ट में सूत्रों ने हवाले से दावा किया गया है कि पश्चिम “काफी डरा हुआ है।”

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