लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की एक होनहार तृतीय वर्ष की छात्रा अर्शी फातिमा (Arshi Fatima) को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय ग्रीष्मकालीन अनुसंधान फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। भारतीय विज्ञान अकादमी (आईएएस), भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए), राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत (एनएएसआई) और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईएएससी) बैंगलोर द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।
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यह प्रतिष्ठित सम्मान अर्शी फातिमा की असाधारण प्रतिभा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रति समर्पण को दर्शाता है। देश भर के तमाम उम्मीदवारों से प्रतिस्पर्धी होने के बाद चयनित होकर, अर्शी फातिमा ने अनुकरणीय बुद्धिमत्ता और शोध के लिए एक उत्कर्ष जुनून का प्रदर्शन किया है। इस फेलोशिप के लिए देश भर से 408 छात्रों का चयन किया गया है, जिनमें से 6 छात्र उत्तर प्रदेश से हैं।
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अर्शी फातिमा फेलोशिप पाने वाली लखनऊ की एकमात्र छात्रा हैं। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग की अर्शी फातिमा की उपलब्धियों पर बेहद गर्व है।
भाषा विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के निदेशक प्रोफेसर सैयद हैदर अली ने कहा, “हम अर्शी फातिमा को राष्ट्रीय ग्रीष्मकालीन अनुसंधान फेलोशिप के लिए चुने जाने पर हार्दिक बधाई देते हैं।” यह प्रतिष्ठित पुरस्कार न केवल सुश्री अर्शी फातिमा की असाधारण प्रतिभा को मान्यता देता है, बल्कि महत्वाकांक्षी शोधकर्ताओं को पोषित करने और उनका समर्थन करने के लिए हमारे संस्थान की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।
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अर्शी फातिमा इस बात पर जोर दिया कि यह उनकी शैक्षणिक यात्रा पर परिवर्तनकारी प्रभाव डालेगा। सुश्री फातिमा ने कहा, “मुझे राष्ट्रीय ग्रीष्मकालीन अनुसंधान फेलोशिप में चयन होने पर गर्व की अनुभूति हो रही है।”
यह अवसर न केवल मुझे अपने शोध हितों को आगे बढ़ाने में सक्षम करेगा, बल्कि मुझे वैज्ञानिक समुदाय में सार्थक योगदान देने के लिए भी सशक्त करेगा। मैं इस यात्रा के दौरान अपने गुरुओं द्वारा प्रदान किए गए समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभारी हूँ।