गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि देश का प्रधानमंत्री पढ़ा-लिखा क्यों होना चाहिए। संबोधन के दौरान केजरीवाल का निशाना प्रधानमंत्री मोदी पर था।
केजरीवाल ने नोटबंदी के फैसले को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी ने पीएम मोदी को बेवकूफ बना दिया। केजरीवाल ने कहा कि नोटबंदी का कोई फायदा नहीं हुआ। इस दौरान केजरीवाल ने अपनी पार्टी की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी पढ़े-लिखे लोगों की पार्टी है। संबोधन में केजरीवाल ने सरकार चलाने की चुनौतियों के बारे में भी बात की और बताया कि सरकारी अफसर नेताओं को किस तरह घुमाते हैं। इन सभी चुनौतियों को गिनाते हुए केजरीवाल ने कहा कि देश को एक पढ़े-लिखे प्रधानमंत्री की जरूरत है जो देश को आगे ले जा सके।
पीएम मोदी के नोटबंदी वाले फैसले पर बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद लाखों लोग बेरोजगार हो गए थे। इस दौरान केजरीवाल ने यह भी बताया कि नोटबंदी कैसे हुई थी। केजरीवाल ने कहा कि बाद में मैंने पता किया नोटबंदी हुई क्यों थी। केजरीवाल ने बताते हुए कहा कि कुछ लोग प्रधानमंत्री के पास गए हुए थे उन्होंने प्रधानमंत्री बेवकूफ बना दिया।
अपने संबोधन के दौरान केजीरवाल ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी याद किया। केजरीवाल ने कहा कि आजादी के बाद से सरकारी स्कूलों का इन सभी ने मिलकर भट्ठा बैठा दिया था। आज 75 साल बाद ऊपर वाले ने मनीष सिसोदिया को भेजा और दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प कर दिया। केजरीवाल ने सिसोदिया की तारीफ करते हुए कहा कि सिसोदिया की वजह से ही गरीब, मजदूर और रिक्शे वालों ने अपने बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाने का सपना देखा। इस दौरान केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया की भगत सिंह से भी तुलना की।
केजरीवाल ने सरकार चलाने की चुनौतियों पर बात करते हुए पीएम मोदी पर भी निशाना साधा।पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर देश में पढ़े-लिखे प्रधानमंत्री होते तो कभी भी नोटबंदी नहीं होती क्योंकि वो समझ जाते कि नोटबंदी से कितना नुकसान हो सकता है।