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अतीक को हो सकती है फांसी तक की सजा, जानिए कैसे…

तीक अहमद, अशरफ अहमद और उमेश पाल अपहरण कांड के अन्य सभी आरोपितों पर जो आरोप लगाए गए हैं उनमें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराएं शामिल हैं। इनमें आईपीसी की धारा 364 ए सबसे बड़ी है जो अपहरण के लिए दंड का प्रावधान करती है।

आईपीसी की धारा 364 ए और दंड का विधान
जो कोई भी किसी व्यक्ति का अपहरण्सा करता है या इस तरह के अपहरण के बाद किसी व्यक्ति को हिरासत में रखता है और ऐसे व्यक्ति को मौत या चोट पहुंचाने की धमकी देता है, या उसके आचरण से एक उचित आशंका पैदा होती है कि ऐसे व्यक्ति को मौत या चोट पहुंचाई जा सकती है, या सरकार या किसी विदेशी राज्य या अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन या किसी अन्य व्यक्ति को किसी भी कार्य को करने या फिरौती देने के लिए मजबूर करने के लिए ऐसे व्यक्ति को चौट या मृत्यु का कारण बनता है, मौत की सजा या कारावास जीवन और जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा।

अधिवक्ताओं का कहना है कि इस मामले में अधिकतम सजा फांसी या आजीवन कारावास तक की हो सकती है। शासकीय अधिवक्ता गुलाबचंद अग्रहरी ने बताया कि इस मामले में अधिकतम सजा फांसी या आजीवन कारावास और जुर्माना की व्यवस्था है।

इन धाराओं में बना है आरोप-
147, 148, 149, 323, 341, 504, 506, 342, 364, 34, 120 बी भारतीय दंड संहिता एवं सातवां आपराधिक दंड विधि संशोधन अधिनियम।

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