माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. चूंकि माता सरस्वती को विद्या देने वाली बताया गया है इसलिए इस पर्व के बड़े आयोजन स्कूल और शिक्षा संस्थानों में होते हैं. विद्यार्थियों के लिए यह दिन माता सरस्वती की कृपा पाने के लिए बहुत खास होता है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करके उन्हें पीले फूल अर्पित किए जाते हैं. साथ ही इस दिन पीला रंग पहना जाता है. ऐसा करने बेहद शुभ फलदायी माना जाता है.
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इस साल 26 जनवरी, गुरुवार को बसंत पंचमी मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पंचमी तिथि 25 जनवरी की दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन 26 जनवरी की सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा. वहीं बसंत पंचमी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 26 जनवरी की सुबह 07 बजकर 06 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
पीला रंग सकारात्मकता, नई किरणों और नई ऊर्जा का प्रतीक है. साथ ही माता सरस्वती का प्रिय रंग भी पीला है इसलिए बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा करने से मां सरस्वती जल्दी प्रसन्न होती हैं. हालांकि मां सरस्वती को सफेद रंग भी प्रिय है और वे खुद भी सफेद रंग की साड़ी धारण करती हैं.
बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा करते समय उनके आसन पर भी पीले रंग का वस्त्र ही बिछाना चाहिए. इसके अलावा उन्हें पीले रंग के फूल जरूर अर्पित करने चाहिए. साथ ही बूंदी के लड्डू या बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए. इस प्रसाद का खुद भी सेवन करें और सभी को बांटना भी चाहिए.