आकर्षक उद्यानों वाले पठार, ऊंची−ऊंची पर्वत श्रेणियां, रोमांचक वन्य जीवन, समुद्र जैसी विशाल झीलें और मनमोहक जलप्रपात, यह सब कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जिनकी वजह से बार−बार अफ्रीका जाने को मन करता है। अफ्रीका की प्राकृतिक खूबसूरती में जो चीज सबसे अधिक हैरान करती है वह है भव्य विक्टोरिया जलप्रपात। इस जलप्रपात को कुदरत का खूबसूरत अजूबा ही कहा जा सकता है। ऐसा अनुमान है कि प्रति मिनट जैंबेजी नदी का लगभग 55 लाख घन मीटर पानी घाटी में नीचे गिरता रहता है और इस घाटी के सामने के छोर से, जोकि नदी के तट जितना ही ऊंचा है, का आनंद आप ले सकते हैं।
इस जलप्रपात का सबसे पुराना नाम शोंगवे था, जो इस क्षेत्र में बसे टोकलेया लोगों ने इसे दिया था। पिछले लगभग साढ़े पांच लाख वर्षों के दौरान यह जलप्रपात अपना स्थान बदलता रहा है। इस प्रक्रिया के दौरान नदी अब तक सात घाटियां पीछे छोड़ कर अपने वर्तमान स्थान पर पहुंची है। यहां आपको पानी तथा कीचड़ में अपने स्थूल शरीर को छिपाने का प्रयास करते हिप्पो भी देखने को मिल जाएंगे।
आसपास के वनों में आपको एक डाल से दूसरी डाल पर कूदते बंदर भी नजर आएंगे साथ ही अनेक प्रकार के पक्षियों का कलरव भी आपका मन मोह लेगा। यहां का विक्टोरिया राष्ट्रीय उद्यान हाथी, अफ्रीकी भैंस, शेर तथा अन्य वन्य पशुओं से भरा पड़ा है। नदी में बड़े−बड़े खतरनाक मगरमच्छ भी हैं इसलिए इसमें नहाना सुरक्षित नहीं है।
यहां सूर्योदय तथा सूर्यास्त देखने का सबसे अच्छा समय अक्तूबर से दिसंबर के बीच ही होता है, उस समय नदी में पानी भी ज्यादा नहीं होता और आकाश भी साफ होता है। आधुनिक पर्यटकों के मनोरंजन के लिए यहां पैराशूटिंग और जैंबेजी पुल से बंजी जंपिंग जैसे रोमांचक खेलों की व्यवस्था है। मछली पकड़ने के शौकीनों के लिए कुछ विशेष नौकाएं भी यहां उपलब्ध हैं जो नदी के अंदर ले जाकर आपके इस शौक को पूरा करती हैं।
विक्टोरिया जलप्रपात को देखने के बाद आप यह अवश्य ही महसूस करेंगे कि प्रकृति का इससे अधिक रोमांचक, नाटकीय, भव्य तथा विलक्षण रूप शायद ही कहीं अन्यत्र देखने को मिले।