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NAAC के निरीक्षण के पूर्व NAAC अधिकारियों ने लिया विश्वविद्यालय की तैयारियों का जायज़ा

लखनऊ। आगामी दिनों में होने वाले अति महत्त्वपूर्ण NAAC के निरीक्षण के पूर्व लखनऊ विश्वविद्यालय की तैयारी का जायज़ा लेने आज विश्वविद्यालय में पूर्व NAAC अधिकारी व विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अध्यापकों एवं संकाय अध्यक्षों की 5 व्यापक दलों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों का दौरा किया।

NAAC के निरीक्षण के पूर्व NAAC अधिकारियों ने लिया विश्वविद्यालय की तैयारियों का जायज़ा

सबसे पहले इस मॉक निरीक्षण की शुरुआत स्वयं माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के प्रेजेंटेशन के साथ हुई, जिसमें प्रो राय ने विश्वविद्यालय के विभिन्न पहलुओं को टीम के सामने रखा। इसके उपरांत विश्वविद्यालय के सभी संकाय के अध्यक्षों, विश्वविद्यालय की आइक्यूएसी टीम के सदस्य एवं आमंत्रित विशेषज्ञों के 5 दलों ने विश्वविद्यालय की अलग-अलग विभागों का दौरा किया।

विशेषज्ञों में जीव रसायन विज्ञान के एक्सपर्ट, मिजोरम विश्वविद्यालय एवं नेहू के पूर्व कुलपति तथा NAAC के पूर्व निदेशक प्रो ए एन राय, नेहू में जीव रसायन विज्ञान विभाग में 33 साल से कार्यरत प्रोफेसर एवं भारत के नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो रहे प्रो रमेश शर्मा, और एजुकेशन मैनेजमेंट, एजुकेशन पॉलिसी और एजुकेशन टेक्नोलॉजी की विशेषज्ञ एवं NAAC से कई वर्षो से जुड़ी डॉ रमा कोंडापल्ली शामिल थी।

पूरे दिन के दौरों व प्रेजेंटेशन के उपरांत, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष एवं कोऑर्डिनेटर्स के साथ विशेष बैठक में आमंत्रित विशेषज्ञों की टीम व विश्वविद्यालय के संकाय अध्यक्ष एवं IQAC के सदस्यों से गठित peer team ने अपने सुझाव व फीडबैक सबके समक्ष प्रस्तुत किए। सर्वप्रथम प्रोफेसर ए एन राय ने सभी को अवगत कराया कि आने वाली निरीक्षण में जहां लगभग 74 परसेंट वेटेज डाटा वेरिफिकेशन और वैलिडेशन को दिया जाता है। वही लगभग 26 परसेंट वेटेज विश्वविद्यालय के फिजिकल परफॉर्मेंस पर भी निर्भर करता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया की प्रेजेंटेशन करते समय किसी भी विभाग की सफलताएं जैसे छात्रों का प्लेसमेंट पास परसेंटेज प्रतियोगी परीक्षाओं में उनकी सफलता आदि सुनियोजित ग्राफिक्स में नजर आए।

उन्होंने अवगत कराया कि प्रेजेंटेशन को किस तरह से स्ट्रेटेजिकली बनाया जाए ताकि विभाग का सबसे सफल चेहरा आने वाली निरीक्षक टीम के सामने प्रस्तुत हो इसके लिए सूचनाओं का एक प्रोफार्मा विभागों में आइक्यूएसी टीम द्वारा बांटा गया है और उन्होंने सभी विभागों को इस प्रोफार्मा के बिंदुओं पर खास ध्यान देने के लिए अनुग्रह किया। इसके पश्चात प्रोफेसर रमेश शर्मा ने भी अपने विचार रखें। उन्होंने सभी विभागों की तारीफ करते हुए कहा कि विभाग के सौंदर्य करण सफलताओं की डिस्प्ले के साथ-साथ उनके अनुसार सबसे जरूरी है कि जब किसी भी विभाग का प्रेजेंटेशन हो रहा हो तो प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति के साथ साथ प्रस्तुत करने वाले डाटा में भी एक “spark” नजर आए।

डॉ रमा कोंडपल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व NAAC निरीक्षण टीम की सदस्य रह चुकी हैं और इस नाते उन्होंने सभी को अवगत कराया कि वह विश्वविद्यालय की समस्त प्रगति से वाकिफ है। अपने वक्तव्य में उन्होंने इस बात पर जोर दिया की विश्वविद्यालय एवं किसी भी विभाग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है उसके विद्यार्थी। इसलिए सभी विभाग अपने अपने प्रेजेंटेशन में अपने विद्यार्थियों की सफलताओं जैसे स्टूडेंट प्रोग्रेशन शुभ प्लेसमेंट आदि पर ज्यादा जोर दे। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाली निरीक्षक टीम के सामने केवल वही डाटा प्रजेंट करें जो वास्तव में है एवं प्रस्तुतीकरण इस तरीके से किया जाए की टीम के सामने हर विभाग का एक वास्तविक स्वरूप खड़ा हो।

आमंत्रित सभी विशेषज्ञों ने अब तक के विभागों की तैयारी को सराहा एवं जहां-जहां बदलाव व बेहतर किया जा सकता है उन सभी क्षेत्रों को बैठक में उजागर किया। आमंत्रित विशेषज्ञों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के अध्यक्ष ने भी अपने अपने टिपण्णी सांझा की।

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