कोरोना संक्रमण के जारी सूनामी के बीच शवों का अंतिम संस्कार एक बड़ी समस्या बन गई है. संक्रमण डर से पड़ोसी तो दूर अपने घर परिवार के लोग भी अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी से भागने लगे हैं.
राज्य में एक हफ्ते के अंदर दर्जनों ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें परिजनों तक ने साथ छोड़ दिया. यहां तक कि पड़ोसियों ने भी मुंह मोड़ लिया, जिसके बाद प्रशासन और स्थानीय समाजसेवियों के सौजन्य से शव का अंतिम संस्कार किया गया. ऐसे में लोगों की मदद के लिए राजधानी पटना में भामाशाह फाउंडेशन मददगार बन कर सामने आया है.
पटना नगर निगम क्षेत्र के सभी श्मशान घाटों पर निजी एजेंसी के माध्यम से अंत्येष्ठी कार्य को संपन्न कराने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए नगर आयुक्त ने आदेश जारी किया हैं.
भामाशाह फाउंडेशन द्वारा निगम क्षेत्र में मृतक के घर से लेकर शमशान घाट पर अंत्येष्ठी के कार्य को सपन्न कराएगा. पटना के सभी छह अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी अपने अंचल क्षेत्र में इस बात का प्रचार-प्रसार करेंगे.
यह फाउंडेशन घर से शव को अपने वाहन से ले जाएगा और अपने खर्च पर अंतिम संस्कार कराएगा. परिजनों को विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार के लिए 1500 रुपये और लकड़ी से अंत्येष्टि के लिए 4900 रुपये देने होंगे. कफन, नाई, ब्राह्मण, डोमराजा, पीतांबरी, धूप, अगरबत्ती, चुका-कपटी, चंदन की लकड़ी आदि फाउंडेशन अपनी तरफ से उपलब्ध कराएगा.
पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा ने भामा शाह फाउंडेशन के इस प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है. नगर आयुक्त ने सभी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि शव के अंतिम संस्कार के लिए फाउंडेशन से संपर्क करें. भामाशाह फाउंडेशन निगम के सभी अंचलों में चालकों के साथ एक-एक शव वाहन उपलब्ध कराएगा. यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी.
बाइल नंबर भी जारी किया जाएगा. भामाशाह फाउंडेशन ने दीघा घाट, बांसघाट, गुलबीघाट, खोजकलां घाट पर अंतिम संस्कार के लिए समुचित जगह की मांग की है. इस कार्य में किसी भी स्तर पर अगर कोई शिकायत मिलेगी चाहे वो एजेंसी या उसके प्रतिनिधि ही क्यों न हो तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.