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बलूचिस्तान: पाक सेना पर भारी पड़ रही BLA, चीन को अपने अरबों डॉलर के निवेश की चिंता, फौरी सैन्य सहायता देने की पेशकश

International Desk। बलूचों की आजादी की जंग (Baloch Freedom Struggle) ने पाकिस्तान (Pakistan) की नानी याद दिला दी है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) पाक सेना (Pakistani Army) पर भारी पड़ रही है। अगर यही हालात रहे तो पाकिस्तान विखर जाएगा। कुछ विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के चार टुकड़ों में विभाजित होने (Division of Pakistan Four Parts) की भविष्यवाणी भी कर दी है। इसी के साथ ही चीन का अरबों डॉलर का निवेश (China’s Billions of Dollars Investment) भी डूब जाएगा। इन्हीं आशंकाओं से घबराए चीन ने पाकिस्तान को फौरी सैन्य सहायता (Immediate Military Aid) देने की पेशकश की है।


अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसियों के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी अभियान में मदद करने के लिए सैन्य सहायता देने की पेशकश की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा है कि चीन पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने और संयुक्त रूप से क्षेत्र को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर रखने के लिए तैयार हैं।

गौरतलब है कि विगत दिनों बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था, जिसमें 440 यात्री सवार थे। इस ऑपरेशन में BLA ने 200 से ज्यादा पाकिस्तानी सेना के जवानों को मारने का दावा किया है। जाफर एक्सप्रेस हाईजैक के बाद ड्रैगन चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की सुरक्षा को लेकर डर गया है। उसे लग रहा है कि अरबों डॉलर के इस प्रोजेक्ट को बलूच बर्वाद कर देंगे। उल्लेखनीय है कि चीन ने बलूचिस्तान में अलग-अलग परियोजनाओं में लगभग 65 अरब डॉलर का निवेश किया है।

बलूच विद्रोही पाकिस्तान से आजादी की मांग के साथ ही चीनी प्रोजेक्ट का भी विरोध कर रहे हैं। बीएलए का कहना है की चीन उनकी संसाधनों को लूट रहा है। इसीलिए बलूच आर्मी के लड़ाके बलूचिस्तान को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ने वाली सीपीईसी परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी कर्मियों पर भी कई हमले किए हैं। बलूच नेशनल मूवमेंट के अध्यक्ष नसीम बलूच ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट की वजह से बलूचों को काफी नुकसान हुआ है। ग्वादर पोर्ट बनाने के लिए हजारों बलूचों को उनके घरों से विस्थापित कर दिया गया और उन्हें कहीं और बसाने के भी कोई इंतजाम नहीं किए गये।

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हालांकि पाकिस्तान चीन के इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से रहा है। पाक सरकार और खुपिया एजेंसियों को आशंका है कि पाकिस्तान की धरती पर चीनी सेना को अनुमति देने पर देश में प्रचंड विरोध प्रदर्शन हो सकता है। हालांकि, कूटनीतिक मामलों के जानकारों का कहना है कि बलूच विद्रोह उस खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, जहां से बलूचिस्तान की आजादी की घोषणा और उसे अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिलने का सिलसिला शुरू हो सकता है। इसलिए भयवश पाकिस्तान पीएलए को को बलूचिस्तान में तैनात करने का निर्णय ले सकते है।

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