लखनऊ। आज उत्तर प्रदेश के शिक्षकों एवं कर्मचारियो द्वारा लुआक्टा एवं अटेवा के संयुक्त तत्वावधान में पुरानी पेंशन बहाली के लिए 1 अप्रैल को काला दिवस के रूप में मनाया गया सुच्य है कि उत्तर प्रदेश मे 1 अप्रैल 2005 को पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर नई पेंशन योजना लागू की गयी थी, जिसे आज काला दिवस के रूप मे काला फीता बांधकर मनाया गया।
👉🏼प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बोले CM योगी, दंगा युक्त नहीं अब रोजगार देने वाला प्रदेश है UP
नयी पेंशन योजना को उत्तर प्रदेश में लागू हुए 19 वर्ष हो चुके हैं, तथा अब इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं किसी को 500 रुपये, किसी को 1200 रू किसी को 1800 रू पेंशन के रूप में प्राप्त हो रहा है।
पेंशन बुढापे की लाठी है, साथ ही साथ यह भी अवगत कराना आवश्यक है कि नेताओ द्वारा अभी भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ लिया जा रहा है। लुआक्टा इस दोहरी व्यवस्था का विरोध करती है एवं देश में सभी के लिए समान पेंशन व्यवस्था लागू किये जाने की मांग करती हैं।
👉🏼आ रहा है आम का सीजन, हो जाइए सावधान- ये छोटी सी लापवाही बना सकती है शरीर में ‘पॉइजनिंग’
सूच्य है कि संगठनो की मांग एवं आंदोलन के कारण पांच राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना बहाल की जा चुकी है, किन्तु उत्तर प्रदेश में यह योजना लागू नही है।
इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार द्वारा 1 जनवरी 2004 के पूर्व के नियुक्तियों हेतु विज्ञापित पदों पर नई पेंशन योजना लागू होने के बाद के कार्मिको को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदान किया है भले उनकी नियुक्ति 1 जनवरी 2004 के बाद हुई हो।
लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक 1 अप्रैल 2005 से पूर्व विज्ञापित पदों के शिक्षकों एवं कर्मचारीयो को यह लाभ प्रदान नही किया गया है। लुआक्टा ने इसकी भी मांग की। सीमा पर तैनात अर्ध सैनिक बल के साथियो को भी यह लाभ प्राप्त नही है यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।
लुआक्टा के इस आहवान पर लखनऊ विश्वविद्यालय से सयुक्त लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर, तथा हरदोई के साथियो द्वारा आज काला फीता बांधकर 1 अप्रैल को काला दिवस के रूप में मनाते हुए कार्य किया गया। लुआक्टा अध्यक्ष डा मनोज पांडेय एवं महामन्त्री डा अंशु केडिया द्वारा सभी राजनीतिक दलों से पुरानी पेंशन को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने का आग्रह किया गया, तथा प्रदेश के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारीयो से वोट फार ओपीएस का आहवान किया गया।