मध्य प्रदेश शिवपुर निवासी कमल राठौर साहिल साहित्य प्रेमी होने के साथ-साथ अंतरराष्ट्री, राष्ट्रीय स्तर से सम्मानित कवि कलमकार है। इनके एकल काव्य संग्रह की पुस्तक “जंग जारी है” को यदि समीक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो, यह एक कविताओं का समागम है। इसमें कमल जी की कई श्रेष्ठ कृतियां प्रकाशित हुई है। कमल जी को सरस्वती मां का आशीर्वाद प्राप्त है, यह इनकी लेखनी और शैली से लगता है। जिनको पढ़कर मन सच में सोचने के लिए आतुर हो जाता है कि लेखन के द्वारा भी मन की बात व्यंग से लेकर हर प्रकार के काव्य में कही जा सकती है।
गार्डेन था, उद्यान बना! मनभावन तो अब हुआ!!
भाषा बहुत ही सरल और सहज है जिसे सभी उम्र के लोग आसानी से शब्दों के सागर में डूब सकते हैं। समाज में हर व्यक्ति अपनी जंग लड़ रहा है….कोई अपनी पहचान के लिए लड़ रहा है….कोई समाज में बड़ा नाम करने के लिए लड़ रहा है। कोई दो जून की रोटी के लिए लड़ रहा है….कोई स्वयं से जंग कर रहा है…..हर व्यक्ति अपनी अपनी जंग लड़ रहा है….और सभी की जंग जारी है। जब तक नसों में खून दौड़ रहा है…. सांसे चल रही है… सभी की जंग जारी है। साहिल जी की रचनाएं समाज में फैली हुई कुरीतियो और पाखंडो पर कड़ा प्रहार करती है। उनकी रचनाओं में इंसान को इंसान बनने पर ज्यादा जोर दिया गया है। सभी पाखंडो को भुलाकर इंसानियत की बात करते हैं। उनकी रचनाएं गलत का पुरजोर विरोध करती है। उनकी रचनाएं काल्पनिक कम यथार्थ के ज्यादा करीब लगती है।
आज की वर्तमान समय में जहां साहित्य का स्तर बहुत ही गिर रहा है ऐसे दौर में यह किताब जंग जारी है एक मील का पत्थर साबित होगी। इसका प्रकाशन इंकलाब पब्लिकेशन मुंबई महाराष्ट्र से किया गया है। मूल्य ₹315 है जो इस महंगाई के दौर में अधिक नहीं लगता है। और बुक पढ़ने के पश्चात 2 गुना पैसा वसूल होने का एहसास होता है। जंग जारी है बुक ऑनलाइन अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, गूगल प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध है। जिसे कोई भी आसानी से आर्डर करके मंगवा कर पढ़ सकता है।